शहर में बने बिना मापदंड के ब्रेकर इन दिनों दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं इस विषय को लेकर मानव अधिकार आयोग सदस्य फिरोजा खान ने अपने निवास पर एक पत्रकार वार्ता ली और बताया कि आज शहर की प्रमुख सड़कों और गलियों में जिला प्रशासन व नगर पालिका द्वारा जो ब्रेकर बनाए गए हैं वह ब्रेकर किसी भी मापदंड से सही नहीं है जिससे इन दिनों शहर में दुर्घटनाएं हो रही है और इसे लेकर उन्होंने संबंधित विभाग को इसकी शिकायत की है और वह चाहती है कि शहर में बने बिना मापदंड के ब्रेकरों को जिला प्रशासन के द्वारा तोड़कर सही किया जाए और जिन स्थानों पर सही में ब्रेकर की आवश्यकता है वहां पर ब्रेकर लगाया जाए और दिशा सूचक यंत्र अंकित कर शहरवासियों को सुगम यातायात दिया जाए
आपको बता दे की मानव अधिकार आयोग सदस्य फिरोजा खान ने अपने निवास पर पत्रकार वार्ता ली और उन्होंने बताया कि आज शहर में बिना मापदंडों के स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं। जो वाहन चालकों के लिए परेशानी बन गए हैं। बिना मापदंडों के स्पीड ब्रेकर खासकर बाइक चालकों के लिए सिर दर्द कर कारण बन गए हैं। इन ब्रेकरों की ऊंचाई निर्धारित मापदंड से ज्यादा होने और बीच में गेप कम होने के कारण वाहन चालक अनियंत्रित होकर दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं कुछ स्थानों पर एक साथ चार पांच ब्रेकर बने होने के कारण उन पर वाहन का पहिया नहीं ठहरता है और वाहनों की स्पीड ज्यादा होने पर वाहन अनियंत्रित हो जाते है। जिससे हादसे हो रहे हैं। वहीं लोगों की कमर में भी झटके लग रहे हैं। जहां पर ब्रेकर बनाए गए हैं वहां किसी भी प्रकार के सूचक चिन्ह व संकेतक भी नहीं लगाए गए हैं जिससे ब्रेकर नजर नहीं आते हैं। अचानक वाहन ब्रेकर पर निकलने से दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है।
बैहर रोड पर हुआ था एक्सीडेंट –
फिरोजा खान ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही बैहर रोड में रात्रि के समय एक एक्सीडेंट हो गया जिसे उन्होंने स्वयं देखा था जब वह रात्रि के समय अपने घर का गेट बंद कर रही थी, तभी एक महिला और पुरुष उनके गेट के पास आकर बैठ गए जब उन्होंने पूछा कि क्या हुआ तब उन्होंने बताया कि वह शहर से अपने गांव जा रहे थे तभी बैहर रोड पर स्थित ब्रेकर से गाड़ी गुजरते ही उनके गाड़ी के पीछे बैठी उनकी पत्नी को झटका लगा और अचानक से वह बेहोश जैसे होने लगी और रात्रि का समय होने की वजह से ब्रेकर नहीं दिखाई दिए जबकि देखा जाए तो लगातार तीन ब्रेकर बने हुए थे और दिशा सूचक यंत्र के साथ वहां किसी प्रकार का कोई चिह्न नहीं था जिससे रात्रि के समय समझ आ जाये कि यहां ब्रेकर है इसी घटना के बाद उन्होंने मीडिया के माध्यम से यह आवाज उठाई है
नियम अनुसार लगने चाहिए स्पीड ब्रेकर –
उन्होंने यह भी बताया कि जो शहर के अंदर बिना मापदंड और बिना काम के बनाए गए स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं उन स्पीड ब्रेकरों को जिला प्रशासन के द्वारा तत्काल ही तोड़कर नियम अनुसार वह मापदंड से स्पीड ब्रेकर शहर में लगाना चाहिए और यदि जिला प्रशासन के द्वारा इस प्रकार इन ब्रेकरों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो वह मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग को भी एक पत्र लिखेंगे और एक पत्र केंद्रीय परिवहन विभाग को भी शहर में लगे बिना मापदंड के इन ब्रेकरों की सूचना वह देकर उनकी शिकायत करेंगे
कोई निश्चित मापदंड के नहीं बने हैं यह ब्रेकर-
जो नगर पालिका और लोक निर्माण विभाग के द्वारा शहर में सड़कों का निर्माण किया गया है और यह जो स्पीड बेकार बनाया गया है उनमें कहीं भी नियम अनुसार ब्रेकर नहीं बनाए गए हैं और जिसको जैसा लगा उन्होंने वैसा ही सड़कों पर स्पीड ब्रेकर बना दिया है जबकि देखा जाए तो बहुत से लोगों ने तो नगर पालिका से जाने वाली पाइपलाइन पर ही सीमेंट कंक्रीट डालकर उसे ही स्पीड ब्रेकर का रूप दे दिया है जिससे निश्चित ही दुर्घटनाएं बढ़ रही है और कुछ लोगों को सर्वाइकल और फ्रैक्चर जैसी घटनाओं से भी गुजरना पड़ रहा है
लगातार 1 से 3 और 5 तक ब्रेकर बनाना नहीं है नियम में –
शहर की प्रमुख सड़कों पर यह भी देखने में आता है कि लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका द्वारा निर्माण के समय लगातार एक साथ एक से तीन ब्रेकर बना दिए जाते हैं तो कहीं-कहीं 1 से 5 लगातार स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं जो कि नियम में नहीं है और मनमानी रूप से जिसे जैसे लगा वैसे ही ब्रेकर बनाकर छोड़ दिए गए हैं
शहर में नहीं है दिशा सूचक यंत्र और जेब्रा क्रॉसिंग –
जिस प्रकार से इन ब्रेकरों के साथ-साथ शहर में दिशा सूचक यंत्र लगे होना चाहिए तो वहीं जिन स्थानों से मोड और स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं वहां पर उनके चिन्ह भी अंकित होना चाहिए ताकि रात्रि के समय यदि रोड पर अंधेरा है तो दिशा सूचक यंत्र में लगे ब्रेकर के चिन्ह रेडियम के माध्यम से चमकते नजर आ जाएंगे किंतु शहर में ऐसा कहीं भी नहीं है कि संबंधित विभाग के द्वारा दिशा सूचक यंत्र या फिर शहर की गलियों में ज़ेबरा क्रॉसिंग जैसे चिन्ह का उपयोग किया गया हो