मिताली नर्सिंग होम हॉस्पिटल पर इलाज कराने आए मरीज के परिजनों ने लापरवाही बरतने का लगाया आरोप

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मिताली नर्सिंग होम में एक मरीज के परिजनों द्वारा अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके मरीज का समय पर देखरेख व उपचार नहीं किया गया जिसके कारण उनके मरीज ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि उनके द्वारा समय रहते ही अस्पताल में अपने मरीज को भर्ती किया गया था किंतु सही इलाज नहीं मिलने के कारण उनके मरीज की मौत हो गई , जिसमें उन्होंने संबंधित विभाग से न्याय की गुहार लगाई है कि जिस प्रकार से उनके मरीज को समय रहते उपचार नहीं मिला इसलिए अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की जानी चाहिए वहीं जब हमारे द्वारा अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि उन्होंने मरीज को बचाने के लिए पूरा प्रयास व उपचार किया , किंतु मरीज की स्थिति काफी खराब हो गई थी इस वजह से वह मरीज को बचा नहीं पाए उक्त मरीज का लिवर फेल हो चुका था
बताया जा रहा है की वार्ड नंबर 24 इंदिरा नगर निवासी मरीज जोगेंद्र सिंह मडावी को मिताली नर्सिंग होम हॉस्पिटल में पीलिया के ईलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहा ईलाज के दौरान जोगेंद्र सिंह मरावी की मृत्यु हो गई , वही पीड़ित परिवार ने मिताली नर्सिंग होम हॉस्पिटल पर आरोप लगाते हुए कहा कि मरीज को जब भर्ती कराया गया वह गाड़ी में बैठकर घर से हॉस्पिटल तक आया था, किंतु अस्पताल की लापरवाही के चलते मरीज की मृत्यु हुई है उन्होंने कहा की समय पर मरीज का इलाज हो जाता तो शायद मरीज की मृत्यु नहीं होती और जैसे ही मरीज की मृत्यु हुई उसके बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और उन्होंने सीधे-सीधे अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर यह आरोप लगाए कि यदि समय रहते डॉक्टरों द्वारा मरीज का सही इलाज किया जाता तो, मरीज आज जिंदा रहता क्योंकि जब मरीज की स्थिति खराब हुई तो उनके द्वारा बार-बार डॉक्टर को बुलाया गया पर कोई भी डॉक्टर नहीं आया वहीं उनके अलावा वार्ड में उपस्थित नर्स के द्वारा भी डॉक्टर को बुलाया गया पर डॉक्टर नहीं आए और जब मरीज की मृत्यु हो गई उसके बाद डॉक्टर पहुंचे और उनके द्वारा कह दिया गया कि मरीज की स्थिति अधिक खराब थी एवं उनका लिवर भी खराब हो गया था इस वजह से मरीज की मौत हो गई जबकि देखा जाए तो मरीज के छोटे-छोटे बच्चे हैं और उनके यहां कमाने एवं उनका करने वाला कोई नहीं है मरीज के परिजनों द्वारा अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई करने की भी मांग की गई है

इसमे पूरी अस्पताल प्रबंधन की गलती हैं – रेखा मरकाम

मरीज की बहन रेखा मरकाम द्वारा बताया गया कि जो मरीज की मृत्यु हुई वह उनका भाई था और उन्होंने अपने भाई को भर्ती करने के बाद पूरी कार्रवाई के साथ अपने भाई को अस्पताल में भर्ती कराया जब तक उनके भाई की स्थिति अच्छी थी और जैसे ही भर्ती करने के कुछ देर बाद उनके भाई को चक्कर आने लगा उसके बाद डॉक्टर द्वारा देखने पर कहा गया कि लीवर की स्थिति ठीक नहीं है शायद लीवर में कोई प्रॉब्लम हो और उन्होंने कहा कि हम मरीज का इलाज यही करवाते हैं और मरीज के शरीर में ब्लड की कमी है तो ब्लड टेस्ट के बाद हम मरीज को ब्लड भी चढ़ाएंगे किंतु ब्लड की रिपोर्ट और जांच के बाद पल्स धीरे-धीरे गिरते चली गई और वानखेड़े नामक डॉक्टर ने बिना जांच किए ही बता दिया कि उनकी लीवर की स्थिति काफी खराब है और उनका लिवर खराब हो चुका है जबकि दो डॉक्टरों के द्वारा इलाज किया जा रहा था, तो दोनों ही विपरीत बात कर रहे थे कोई कह रहा था , कोई कह रहा था कि इनका लिवर खराब हो चुका है ऐसे बिना देखे ही दोनों डॉक्टर की बातों में मतभेद साफ नजर आ रहा था जबकि उनका भाई अच्छे से घूम फिर रहा था अस्पताल प्रबंधन ने आईसीयू में भर्ती करवाया और उनसे ब्लड के नाम पर 5000 रूपये मांगे और उन्हें ब्लड भी नहीं चढ़ाया गया और 11:00 से 3:30 से 4:00 तक किसी भी डॉक्टर ने कोई उनका इलाज नहीं किया और उनकी मृत्यु हो गई इन सब बातो को देखते हुए वह अस्पताल प्रबंधन की गलती इसमें मानते हैं और पूरा दोष इसमें अस्पताल प्रबंधन का है इसलिए वह चाहते हैं कि अस्पताल पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए क्योंकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके भाई का इलाज समय रहते कर दिया जाता तो उनका भाई आज जीवित होता

हमारे द्वारा पूरी कोशिश कर उनका उपचार किया गया था – विनय रहांगडाले

मिताली नर्सिंग होम हॉस्पिटल के डॉक्टर विनय रहांगडाले द्वारा बताया गया कि मरीज का इस हॉस्पिटल में पहले भी ईलाज करवाया गया है पीड़ित परिवार को मरीज़ के किडनी फेलियर होने की जानकारी पहले भी दे दी गयी थी पहले उनका ईलाज करवाया गया जो ठीक होकर भी गए किन्तु इस वक्त मरीज़ की हालत ठीक नहीं थी , हमारे द्वारा पूरी कोशिश कर उनका उपचार किया जा रहा था किन्तु अफसोस हम उस मरीज को नहीं बचा सके उपचार के दौरान मरीज़ की मृत्यु हो गई जिसका दुःख हमे भी है और जो मरीज के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर जो आरोप लगा रहे हैं वह बेबुनियाद है जबकि उनके द्वारा मरीज को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं किंतु मरीज की स्थिति काफी खराब होने की वजह से वह मरीज को नहीं बचा पाए लेकिन जो आरोप लग रहे हैं वह झूठे हैं हमारा प्रयास यही रहता है कि जो भी हमारे अस्पताल में आए हम उन्हें अच्छे से अच्छा और बेहतर उपचार दे सके

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