वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मेंढक़ी स्थित सेवा सहकारी समिति के खरीदी केंद्र के सामने किसानों के द्वारा ३ दिसंबर को धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया गया। जहां पर किसानों के द्वारा शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य और पिछली खरीदी का ९१७ रुपये बोनस दिए जाने की मांग की जाती रही। जहां पर किसानों के द्वारा टेंट लगाकर धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया गया है ,वहीं समिति को धान नहीं देने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किस प्रकार से वादा खिलाफ ी की जा रही है जब तक वादे के मुताबिक समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा किसान अपनी धान सेवा सहकारी समिति को नहीं देगा। जिसके चलते समितियों में धान खरीदी प्रारंभ हुए दो दिन हो गए हैं परंतु दूसरे दिन भी कोई किसान धान लेकर नहीं पहुंचा जहां सन्नाटा पसरा रहा। वहीं किसानों के द्वारा शासन को अपनी धान देने के लिए स्लॉट बुक करना भी बंद कर दिया गया है। इस दौरान किसानों के द्वारा धरने में बैठकर शासन को उसके वादे को पूरा करने की मांग की जा रही है।
दूसरे दिन भी खाली रहे खरीदी केंंद्र
मध्यप्रदेश शासन के द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी २ दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कार्य प्रारंभ करवा दिया गया है। जिसमें किसानों का आक्रोश सरकार की वादा खिलाफ ी के खिलाफ देखने को मिल रहा है। जहां विधानसभा चुनाव २०२३ में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा किसान को ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान एवं २७०० रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का समर्थन मूल्य देने की घोषणा की गई थी। परंतु सरकार बनते ही घोषणा किए गए मूल्य में खरीदी नहीं की गई । उसके बाद लोकसभा चुनाव में समर्थन मूल्य ३१०० रुपये प्रति क्विंटल एवं पिछला बकाया बोनस के रूप में ९१७ रुपये देने की बात कही गई। इसके बाद सोसायटियों में धान का समर्थन मूल्य २३०० रुपये पर खरीदी करने का शासन ने जो आदेश जारी किया जिससे किसान बहुत ज्यादा दुखी और चिंतित है। जिनके द्वारा स्वयं के हक की लड़ाई प्रारंभ कर दी गई है जो खरीदी केंद्रों के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में ३ दिसंबर को खरीदी का दूसरा दिन था जहां पर खरीदी केंद्र पुरा खाली पड़ा रहा। जहां किसान अपनी धान लेकर नहीं पहुंचा ऐसा ही कुछ नजारा ग्राम मेंढकी के खरीदी केंद्र में भी देखने को मिला। जहां धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
भाजपा ने झूठ बोलकर अपनी सरकार बना ली है-पालगिरी गोस्वामी
किसान पालगिरी गोस्वामी ने बताया कि हम सभी धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं हमारी सरकार ने सरकार बनाने के लिए विधानसभा चुनाव में अनेकों वादे मतदाताओं से किया था। उसमें किसान को ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान और २७०० रुपये प्रति क्विंटल गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए कहा गया था। हमारा जिला धान का कटोरा है जिस प्रकार सरकार ने अपनी बातें कही थी उस हिसाब से हमारा कटोरा खाली है। सरकार ने जो कहा है उसे पूरा करना चाहिए इसके लिए सभी धरना दे रहे हैं सोसायटी में २३०० रुपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा है। हमें ३१०० रुपये प्रति क्विंटल लेना है और जब हमारी मांगों की पूर्ति होगी तभी हम केंद्र में धान देंगे।
झूठ बोलकर विधानसभा और लोकसभा चनाव भाजपा जीती है-योगेन्द्र बिसेन
किसान योगेंद्र बिसेन ने बताया कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव की घोषणाओं में किसानों को लेकर बहुत ज्यादा वादे किए थे। जिसको किसान एक वर्षों से मांग रहा है परंतु सरकार ने आज तक नहीं दिया। जबकि उनके द्वारा स्वयं विधानसभा चुनाव में ३१०० रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य धान का देने के लिए कहा गया था। और उसके बाद लोकसभा में ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य और पुराना ९१७ रुपये बोनस के रूप में देने के लिए कहा गया था। जो आज तक नहीं दिया गया जिसको लेकर हम धरना कर रहे हैं फि र खरीदी प्रारंभ हो गई है और हमें घोषणा का पालन होता नहीं दिखाई दे रहा है। जिसके लिए हम किसानों को रोक रहे हैं हमारी मांगे पूरी होगी तभी हम धान देंगे वरना हम सभी जिले के किसान भोपाल तक जाएंगे।
डोंगरमाली में चुनावी आमसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी ३१०० रूपये देने की घोषणा-लोकचंद रोडक़े
किसान लोकचंद रोडग़े ने बताया कि मध्यप्रदेश में १९ नवंबर २०२३ को विधानसभा चुनाव हुए थे। इस दौरान १४ नवंबर २०२३ को डोंगरमाली में चुनावी आमसभा आयोजित हुई थी जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए थे। उन्होंने घोषणा की थी कि हमारी सरकार मध्य प्रदेश में बनती है तो किसानों को ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य दिया जाएगा। १ वर्ष हो गया है दूसरी बार यह सरकारी खरीदी प्रारंभ हो गई है ,इसमें हमें २३०० रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य दिया जा रहा है जबकि ३१०० रुपये प्रति क्विंटल खरीदने की बात कही थी। उन्होंने सरकार बनाने के लिए कहा था और सरकार बनते ही इनकार कर दिया है ,सरकार किसानों के वोट से बनी और वह अब हमें भूल गई है। उन्हें घोषणा पूरी करनी चाहिए नहीं तो हम उनके बंगले पर जाएंगे जिले के १७० सोसायटी के किसान संयुक्त रूप से वहां धरना नहीं भूख हड़ताल करेंगे।