‘मैदान छोड़कर नहीं भागने वालों का साथ देती है अमेठी’, क्या इस रिवाज का पालन करेंगे राहुल गांधी

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लोकसभा चुनाव 2024 के सबसे बड़े सवालों में यह भी शामिल है कि क्या कांग्रेस राहुल गांधी को एक बार फिर टिकट देगी? क्या यूपी की इस हाई प्रोफाइल सीट पर एक बार फिर स्मृति ईरानी बनाम राहुल गांधी (Smriti Irani vs Rahul Gandhi) का मुकाबला देखने को मिलेगा?

Amethi Lok Sabha Seat 2024: हार के बाद मैदान नहीं छोड़ा, तो मिलेगी जीत

अमेठी लोकसभा का चुनावी इतिहास बताता है कि यहां हार के बाद भी मैदान नहीं छोड़ने वाले प्रत्याशी के सिर जीत का सेहरा जरूर बंधता है।

संजय गांधी को अमेठी में पहली बार 1977 में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी संजय गांधी ने हार नहीं मानी और अमेठी में लगातार सक्रिय रहे। चार साल बाद हुए आम चुनाव 1980 में अमेठी ने संजय गांधी को भारी अंतर से जिता कर दिल्ली भेजा।

इसी तरह, 2014 में अमेठी आने वाली भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी अपना पहला चुनाव हारने के बाद अमेठी में बनी रहीं और पांच साल बाद 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर दिल्ली पहुंचीं।

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