या गौस अल मदद के नारों से गूंजा शहर

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तमाम वलियों के इमाम हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी सरकार गौसे पाक की पैदाइशी माहे मुबारक ग्यारहवीं शरीफ के अवसर पर प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा नगर में जुलूस ए गौसिया का आयोजन किया गया।जहा इस वर्ष भी पीराने पीर दस्तगीर गौस ए आजम के चाहने वालों द्वारा दिन की जगह गुरुवार शाम को जुलूस ए गौसिया निकाला गया।जिसकी शुरुआत जामा मस्जिद चौक में परचम कुशाई के साथ की गई। जहां जामा मस्जिद के पेश इमाम द्वारा गुरुवार शाम 6 बजे जामा मस्जिद चौक में परचम कुशाई कर सलातो सलाम के नजराने पेश किए गए। जिसके बाद या गौस अल मदद के गगन चुंबी नारों के साथ जुलूस ए गौसिया नगर गश्त के लिए रवाना हुआ। जो विभिन्न चौक चौराहों और मार्गों का गस्त करता हुआ वापस जामा मस्जिद चौक पहुंचा। जहां प्रति वर्ष की भांति दरूद सलाम का आयोजन कर , पूरे मुल्क के लिए अमन चैन शांति और आपसी भाईचारे की दुआएं मांगी गई और जुलूस ए गौसिया का समापन किया गया।

इन मार्गों से होकर गुजरा जुलूस ए गौसिया
पीराने पीर दस्तगीर गौस ए आजम जिलानी सरकार की याद में गुरुवार शाम को निकाला गया, जुलूस ए गौसिया, जामा मस्जिद चौक में परचम कुशाई और सलातो सलाम के बाद नगर गश्त के लिए रवाना हुआ। जहां जुलूस ए गौसिया जामा मस्जिद चौक से रवाना होकर बैहर रोड अंजुमन शादी हाल से बैहर चौकी, वहां से देवी तालाब चौक से डॉक्टर शुक्ला दवाखाने के सामने से होता हुआ मेन रोड महावीर चौक पहुंचा। जहां से राजघाट चौक से मेन रोड होता हुआ ,हक्कू शाह बाबा दरगाह से काली पुतली चौक और वहां से नगरपालिका के सामने से रानी अवंती बाई चौक होता हुआ वापस बैंहर रोड आया ।जहां रजा चौक मार्केट चौक से वापस जामा मस्जिद चौक अंजुमन उर्दू स्कूल के सामने इस जुलूस का समापन दरूदो सलाम के बाद अमनो अमान की दुआओं के साथ किया गया।

जुलूस का जगह जगह हुआ स्वागत, नारों से गुंजा नगर
ग्यारहवीं शरीफ के अवसर पर निकाले गए इस जुलूस ए गौसिया का जगह जगह स्वागत किया गया। वही जगह जगह मिठाइयां, हलवा, खीर, छुवारे सहित अन्य सामग्रियों का वितरण कर लोगो ने एक दूसरे को ग्यारहवीं शरीफ की मुबारकबाद दी। इस दौरान जुलूस में शामिल धर्मालंबियों द्वारा लगाए गए “नारा ए तकबीर -अल्लाहो अकबर “और या गौस अल मदद के नारों सहित अन्य इलामी नारो से शहर गूंज उठा।जहां जुलूस में शामिल धर्मालंबियों के साथ साथ नात खानों ने नात ए रसूल, सलातो सलाम सहित अन्य इस्लामी तरानों की प्रस्तुतियां दी, वही बच्चे व युवा हाथो में हरे झंडे लिए बुलंद नारो के साथ इस्लामी तरानों में मनमुग्द नजर आए, इसके अलावा जुलूस में शामिल अन्य लोगो को दरूद ए मोहम्मदी का जिक्र करते हुए देखा गया।जिन्होंने जुलूस के माध्यम से अपनी खुशी का इज़हार करते हुए पीराने पीर दस्तगीर गौस ए आजम जिलानी सरकार के पैगाम को जन जन तक पहुँचाया

ईद मिलादुन्नबी की तर्ज पर निकाला गया जुलूस ए गौसिया
आपको बताएं कि ग्यारहवीं शरीफ का महीना रबिउस्सानी का महीना होता है। इस महीने को गौसे आजम का महीना कहा जाता है। दुनिया में जितने भी सूफी संत हैं गौसे आजम उनके पीरो मुर्शिद हैं।जिस दिन से चांद दिखता है उसी दिन से ही मस्जिदों में मिलाद का दौर शुरू हो जाता है। इसके अलावा जगह-जगह न्याज ए गौसिया का आयोजन होता है। वहीं हर साल मुस्लिम समाज द्वारा उर्दू चांद की 11 तारीख को जुलूस ए मोहम्मदी की तर्ज पर जुलूस ए गौसिया नगर में निकाला जाता है । आपको बताएं कि हर वर्ष यह जुलूस सुबह के वक्त निकाला जाता था,लेकिन पिछले 2 वर्षों से यह जुलूस शाम के वक्त निकाला जा रहा है।

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