नई दिल्ली: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों और यूपी के उपचुनावों में योगी आदित्यनाथ का बंटेंगे तो कटेंगे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक हैं तो सेफ है का नारा हिट होता दिख रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के रुझानों में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन की आंधी दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र की 288 सीटों के रुझानों में बीजेपी के महायुति गठबंधन को 200 से ज्यादा सीटें मिलती नजर आ रही हैं। इसी तरह, यूपी की 9 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों में भी बीजेपी को कम से कम 7 सीटें मिलती दिख रही हैं। माना जा रहा है कि इस जीत की बड़ी वजह ध्रुवीकरण है। आइए-समझते हैं।
लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की जीत के बाद सतर्क हुई बीजेपी
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के हिस्से में 48 सीटें आती हैं। इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी को 30 और महायुति गठबंधन को 17 सीटें मिलीं। यानी दस वक्त जनता ने अपना झुकाव महाविकास अघाड़ी की ओर दिखाया। इसी के बाद से बीजेपी और संघ ने अपनी रणनीति बदली। दोनों ने बेहद सतर्कता बरतते हुए योगी और मोदी पर दांव लगाया।
2019 के विधानसभा चुनाव में यह थी बीजेपी की स्थिति
2019 में हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नज़र डालें तो बीजेपी को 105, शिव सेना (अविभाजित शिव सेना) को 56, एनसीपी (अविभाजित एनसीपी) को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थीं। जिसके बाद शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस ने साथ मिलकर सरकार बना ली थी। हालांकि, यह गठबंधन ज्यादा दिनों तक सरकार नहीं चला सका।