आंगनवाड़ी केन्द्र व शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोईयां अपने-अपने संगठन के प्रांतीय आवहन पर अपनी जायज मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है। इसी तरह से लालबर्रा विकासखण्ड में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र व शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली कुछ रसोईयां १ अगस्त से हड़ताल पर चले गई है तो वहीं ७ अगस्त से म.प्र. स्व सहायता समूह संगठन (मीड डे मील) रसोईयां संघ के प्रांतीय आव्हान पर रसोईयां मध्यान्ह भोजन कार्य बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है जिसके कारण आंगनवाड़ी केन्द्र एवं शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को मध्यान्ह भोजन नही मिल रहा है। ऐसी स्थिति में बच्चों को दिनभर भूखे रखकर शिक्षा अध्ययन करना पड़ रहा है जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होने के साथ ही स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है परन्तु जिम्मेदारों के द्वारा मध्यान्ह भोजन का क्रियान्वयन सुचारू रूप से चल सके उसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई है जिससे बच्चों के अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है। लालबर्रा विकासखण्ड में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र, शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोईयों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण बच्चों को मीड डे मील के तहत दी जाने वाली मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था गत दिवस से प्रभावित हो गई है और अधिकांश स्कूलों में मध्यान्ह भोजन नही बन रहा है जिसके कारण बच्चें अपने-अपने घरों से टिफिन लेकर आ रहे है तो वही कुछ बच्चें बिना टिफिन के आ रहे है परन्तु स्कूल प्रबंधन के द्वारा जो बच्चें टिफिन लेकर नही आ रहे है उनके लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नही की गई है जिसके कारण बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत अमोली स्थित एकीकृत शासकीय माध्यमिक स्कूल में भी गत दिवस से एवं शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय लालबर्रा में ७ जुलाई से बच्चों को मध्यान्ह भोजन नही मिल रहा है तो वही कुछ विद्यालयों में शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से मध्यान्ह भोजन बनाकर बच्चों को परोसे जाने की बात कही जा रही है परन्तु अधिकांश स्कूलों में मध्यान्ह भोजन नही मिल रहा है।
आपकों बता दें कि सरकारी स्कूलों में गरीब वर्ग के बच्चें शिक्षा अध्ययन करते है और बच्चें भूखे प्यासे स्कूल आ जाते थे जिसके कारण वे अच्छे से पढ़ाई नही कर पाते थे इसलिए सरकार के द्वारा मीड डे मील योजना के तहत प्रदेशभर के आंगनवाड़ी केन्द्रों में सांझा चूल्हा एवं शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था की गई है ताकि लंच की छुट्टी में बच्चें भरपेट भोजन कर सके। जिसके संचालन के लिए रसोईयों की नियुक्ति की गई है जिनके द्वारा मध्यान्ह भोजन का क्रियान्वयन किया जाता है परन्तु उन्हे बहुत कम मानदेय मिलने के कारण वे खासा परेशान है। रसोईयां मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ते आ रही है परन्तु सरकार उनकी मांगों को पूरा नही कर रही है इसलिए रसोईयां संगठन के प्रांतीय आव्हान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल गई है जिसके कारण लालबर्रा विकासखण्ड में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र, शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का काम पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है और बच्चों को भोजन नही मिल रहा है। वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि रसोईयां अपनी जायज मांगां को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है इसलिए बच्चों से कहा गया है कि अपने-अपने घर से टिपिन लेकर आये और बच्चें लेकर आ रहे है परन्तु सबसे अधिक उन बच्चों के सामने विकट समस्या खड़ी हो गई है जो अति गरीबी के नीचे जीवनयापन करते है जिन्हे घर पर भरपेट भोजन नही मिल पाता है।
दूरभाष पर चर्चा में बीआरसी श्रीराम तुरकर ने बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्र एवं शासकीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोईयां वेतनवृध्दि की मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है जिसके कारण मध्यान्ह भोजन का कार्य प्रभावित हुआ है परन्तु सभी स्कूलों के प्रधानपाठक एवं जनशिक्षकों से कहा गया है कि शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से भोजन बनाकर बच्चों को परोसे और स्व. सहायता समूह की रसोईयां अगर हड़ताल से जल्द वापस आकर स्कूलों में भोजन नही बनायेगें तो उनका अनंबुध को समाप्त करने की कार्यवाही जिला पंचायत के माध्यम से की जायेगी।