बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई, और इस तरह 19 जुलाई से शुरू हुए मॉनसून सत्र का समापन हो गया। इस दौरान विपक्ष ने जोरदार हंंगामा किया और सदन में कुछ हाथापाई की घटना भी हुई। इन सबके बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओबीसी आरक्षण की लिस्ट तैयार करने का अधिकार देने वाला बिल पारित हो गया। राज्यसभा में 127वां संविधान संशोधन बिल पेश किया गया, और इस बिल के पक्ष में 187 वोट और इसके विरोध में एक भी वोट नहीं पड़े। इससे पहले लोकसभा में भी मंगलवार शाम को यह बिल ध्वनिमत से पारित हो गया था। इस बिल के पारित होने से राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिलेगा। नए विधेयक के हिसाब से राज्य सरकारें अपने स्तर पर ओबीसी जातियों की लिस्ट बनाएगी और उनके आरक्षण के बारे में राज्यपाल के जरिये फैसला होगा। इसके अलावा केंद्र भी अपने स्तर पर ओबीसी लिस्ट बनाएगी जिसे राष्ट्रपति मंजूरी देंगे।
मौजूदा बिल इसलिए अहम है, क्योंकि हाल ही में मराठा आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर पुर्नविचार की याचिका पर सुनवाई करने की मांग ये कहते हुए खारिज कर दी थी कि 102वें संविधान संशोधन के बाद OBC लिस्ट जारी करने का अधिकार केवल केंद्र के पास है। वैसे, सुप्रीम कोर्ट की पहले से रूलिंग है कि आरक्षण की सीमा 50 परसेंट से ज्यादा नहीं हो सकती, जिसमें ओबीसी का कोटा 27 परसेंट निर्धारित है। इसके अलावा 10 परसेंट अलग से सामाजिक और आर्थिक पिछड़े वर्ग के लिए रिजर्व रखा गया, जिसका लाभ अभी लोगों को मिल रहा है।
साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक को भी मिली मंजूरी
राज्यसभा ने बुधवार को भारी हंगामे के बीच ‘साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अधिक निजी भागीदारी को सुगम बनाने का रास्ता साफ हो गया। वैसे, विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधेयक को पारित किए जाने का विरोध किया और इसे सदन की प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की। लेकिन सदन ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक को पारित किए जाने का प्रस्ताव किया, और सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। इनके अलावा राज्य सभा में आयुष मंत्रालय से जुड़े दो बिल भी पारित हो गए।