राफेल से टक्कर लेने वाले J-10C लड़ाकू विमान पर झूठ फैलाने में लगा चीन, 30 मिलियन डॉलर वाले कबाड़ को बता रहा बलशाली, असलियत जानें

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बीजिंग: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए जंग के बाद चीन अपने लड़ाकू विमान जे-10सी को बेचने के लिए बड़े बड़े दावे कर रहेा है। राफेल से टक्कर लेने वाले जे-10सी फाइटर जेट को बेचने के लिए अनाप-शनाप झूठ बोल रहा है। वो इस लड़ाकू विमान के साथ साथ पीएल-15 मिसाइल को लगाकर बेचने की कोशिश कर रहा है, जिसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने गाजर-मूली की तरह काटकर गिरा दिया था। भारत ने अभी भी राफेल और जे-10सी लड़ाकू विमान के टकराव पर कोई जानकारी नहीं दी है और इस बीच फ्रांसीसी एक्सपर्ट्स ने कहा है कि राफेल ने पाकिस्तान के खिलाफ शानदार क्षमता का प्रदर्शन किया है और पाकिस्तान के एयरबेस को उड़ाने में राफेल ने कमाल का काम किया है।

लेकिन चीन लगातार प्रोपेगेंडा फैलाने में लगा हुआ है। द वॉर जोन (TWZ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी लड़ाकू विमान J-10C को लेकर चीन के दावे खोखले हैं, क्योंकि J-10C में ऐसी क्षमताएं हैं ही नहीं, जिनके बारे वो दावे कर रहा है। डिफेंस मैग्जीन TWZ की रिपोर्ट में ब्रिटेन स्थित रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) थिंक टैंक में एयरपावर और टेक्नोलॉजी के वरिष्ठ रिसर्च फेलो जस्टिन ब्रोंक ने कई अहम बातें बताई हैं और कहा है कि J-10C लड़ाकू विमान सिर्फ एक सीमा तक ही प्रदर्शन कर सकता है।

J-10C के लिए चीन ने शुरू की ग्राहकों की तलाश
J-10C फाइटर जेट को चीन 4.5 जेनरेशन लड़ाकू विमान बताता है और उसने पाकिस्तान एयरफोर्स को J-10C लड़ाकू विमानों की सप्लाई कर रखी है। भारत के पूर्व एयर चीफ मार्शल संजीव कपूर ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि जिस दिन भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, उसके रात के बाद से पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने एक बार भी उड़ान नहीं भरी। क्योंकि वो भारत के एयर डिफेंस सिस्टम से काफी डर गये थे। J-10C लड़ाकू विमान एक एक सिंगल इंजन, मल्टीरोल फाइटर जेट है जिसे चीनी कंपनी चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने बनाया है। ये J-10 सीरिज की सबसे एडवांस फाइटर जेट है, जिसमें AESA रडार, स्टील्थ-फ्रेंडली डिजाइन और आधुनिक बीवीआर मिसाइलें (PL-15) शामिल हैं। 2022 में पाकिस्तान ने इसे भारत के राफेल के “जवाब” में दिया था। J-10C फाइटर जेट को चीन ने इजरायल के रद्द हो चुके Lavi प्रोजेक्ट से चोरी करके बनाया है।

वारजोन ने अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला है कि इसका एयरफ्रेम काफी पुराना हो चुका है और इसमें सिर्फ नये एवियोनिक्स लगाए गये हैं। इसके अलावा इसमें WS-10 इंजन है, जिसकी विश्वसनीयत पर विश्वास नहीं किया जा सकता है और ये बार बार फेल होने, थ्रस्ट-टू-वेट रेशियो में कमजोरी से जूझता रहा है। वॉरजोन ने कहा है कि WS-10 इंजन को कई बार कमजोरियों की वजह से अपग्रेड किया गया है, लेकिन ये अभी भी विश्वसनीय नहीं बन पाया है। जबकि भारत के Su-30MKI, जिसमें AL-31 इंजन लगा है, वो J-10C की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद और लड़ाकू मिशनों के लिए उपयुक्त हैं। चीन इस फाइटर जेट को सिर्फ 30 से 35 मिलियन डॉलर में बेचने की कोशिश कर रहा है, लिहाजा एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फाइटर जेट में क्या क्वालिटी हो सकती है, आसानी से समझा जा सकता है।

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