रैक पॉइंट विस्थापन की आस धुंधली

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समय के साथ रेल सुविधाओं का विस्तार हो रहा है, लेकिन बालाघाट रेलवे स्टेशन में स्थित रैक पॉइंट आसपास रहने वाले हजारों लोग के लिए परेशान का कारण बन रहा है। रैक पॉइंट में आने वाली सीमेंट की बोरियां प्रदूषण बढ़ा रही हैं, जिससे पर्यावरण के साथ सेहत पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। आपको बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले सांसद और रेलवे अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान बालाघाट स्थित रैक पॉइंट के विस्थापन करने की बात कही थी, लेकिन लंबा समय गुजर जाने के बाद भी अब तक इस संबंध में कोई सकारात्मक तस्वीर देखने को नहीं मिली है।

आपको बता दें कि रैक पॉइंट को गर्रा या भरवेली में विस्थापित करने की बात सामने आई थी, लेकिन रेलवे ने इन स्थानों में रैक पॉइंट के निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने की बात कही थी। डेढ़ साल में अब तक किसी निजी संस्था ने रैक पॉइंट के निर्माण या संचालन के संबंध में अपनी इच्छा जाहिर नहीं की है, जिससे रैक पॉइंट विस्थापन की आस अधर में लटकी हुई है। इसका खामियाजा वार्ड क्रमांक-4 और 5 के रहवासियों को भुगतना पड़ रहा है। आपको बता दें कि आए दिन लंबी दूरी तय कर सीमेंट से लदी मालगाड़ी आती है। ट्रकों में अनलोडिंग के दौरान भारी मात्रा में सीमेंट हवा में घुलती है जो हवा के जरिए लोगों के शरीर में जा रही है। रैक पॉइंट के आसपास रहवासी क्षेत्र के लोगों ने रेलवे और जनप्रतिनिधियों से बालाघाट से रैक पॉइंट विस्थापित करने की मांग की है।

वहीं, इस संबंध में बिलासपुर जोन के रेलवे सलाहकार समिति सदस्य मोनिल जैन ने दूरभाष पर हुई चर्चा के दौरान बताया कि बालाघाट सांसद और समिति द्वारा रेलवे बोर्ड को पत्र के माध्यम से बालाघाट से रैक पॉइंट हटाने की मांग की गई है। पूर्व में रेलवे बोर्ड द्वारा हट्टा रोड स्टेशन को विकल्प के रूप में रैक पॉइंट बनाया गया था, लेकिन यहां एप्रोच रोड, शेड और अतिरिक्त प्लेटफॉर्म के अभाव में आगे प्रयास नहीं हुए। हट्टा रोड स्टेशन में रैक पॉइंट के लिए जरूरी सुविधाएं न होने के कारण वेंडर भी माल मंगाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जल्द ही इस संबंध में रेलवे बोर्ड से रैक पॉइंट विस्थापित करने की मांग की जाएगी।

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