सन् 1857 में अंग्रेजो के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंकने वाली रामगढ़ की महारानी, रानी अवंती बाई का 20 मार्च को देश भर मे शहादत दिवस मनाया जाएगा। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी नगर में इस शहादत दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाने और विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए जाने को लेकर रविवार को जिला लोधी महासभा की एक बैठक का आयोजन किया गया। नगर के बस स्टैंड धर्मशाला में आयोजित इस बैठक में जिले के सभी ब्लॉकों से आए सामाजिक बंधुओं ने रानी अवंती बाई के शहादत दिवस को एक पखवाड़े के रूप में मनाने का सर्व सहमति से निर्णय लिया। जिसमें उन्होंने 20 मार्च को सिर्फ और सिर्फ बालाघाट नगर में रानी अवंती बाई का शहादत दिवस मनाने का फैसला लिया। तो वही जिले के सभी 10 ब्लॉकों में एक पखवाड़े के तहत अलग अलग दिन शहादत दिवस मनाने का फैसला लिया गया है । जानकारी के मुताबिक 20 मार्च को बालाघाट में रानी अवंती बाई का शहादत दिवस मनाया जाएगा ,जबकि 20 मार्च को जिले में कहीं पर भी रानी अवंती बाई के शहादत दिवस पर समाज संगठन द्वारा किसी प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा। जहां 20 मार्च को जिले भर के सामाजिक बंधु जिला मुख्यालय पहुंचकर शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। वही 21 मार्च को लांजी, तो 22 मार्च को खैरलांजी, इस तरह एक पखवाड़े के तहत पूरे ब्लॉक में अलग-अलग दिन रानी अवंती बाई का शहादत दिवस मनाने का फैसला लिया गया है ।
आयोजित इस बैठक के दौरान जहां सामाजिक बंधुओं ने रानी अवंती बाई के शहादत दिवस को जिले में एक पखवाड़े के रूप में मनाने का फैसला लिया तो वहीं उन्होंने करीब 1 माह पूर्व जिले में भंग की गई लोधी समाज की कार्यकारिणी का पुनर्गठन को लेकर भी विचार-विमर्श किया
इस दौरान बैठक में उपस्थित जिले के सभी ब्लाकों से आए सामाजिक बंधुओं का चयन कर, समाज संगठन में उनकी नियुक्ति की गई है, वही कार्यकारिण का गठन कर नवनियुक्त पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी सौंपकर जिला स्तर से मिलने वाले निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
वही आयोजित इस बैठक के दौरान ओबीसी की जातिगत जनगणना को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया। जिसमें उपस्थित बंधुओं ने ओबीसी वर्ग की जनगणना करने और उन्हें 52% आरक्षण दिए जाने की मांग की। बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों का आरोप है कि सरकार ने एसटी, एससी, सामान्य वर्ग के लोगों की जातिगत गणना की है। पशु पक्षी सहित अन्य वन्य जीवो जातिगत जनगणना हो चुकी है । जिसका रिकॉर्ड सरकार के पास में है। लेकिन ओबीसी वर्ग एक ऐसा वर्ग है जिसकी जनगणना 1921 के बाद आज तक नहीं हुई। जिन्होंने जल्द से जल्द ओबीसी वर्ग की जनगणना कर उन्हें 52% आरक्षण दिए जाने की भी मांग की है