न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अनुराग खरे की बैहर की अदालत ने छत्तीसगढ़ राज्य के दो आरोपी शिवकुमार पिता रोवनु सिंह गोंड और सोहन पिता परदेसी गोंड 52 वर्ष निवासी बोदलपानी थाना चिल्फीघाटी जिला कबीरधाम छत्तीसगढ़ निवासी को वन्य प्राणी तेंदुआ की खाल अवैध रूप से रखने के आरोप में 33 वर्ष की सश्रम कारावास और 10 -10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किए ।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं मीडिया प्रभारी विमल सिंह ने बताया कि 3 दिसंबर 2009 को परीक्षेत्र सुपखार एवं समनापुर के वन कर्मचारी सामूहिक गस्ती करते हुए रात्रि 9:00 बजे सनवाही सदर के कक्ष क्रमांक 214 गए थे। उसी समय तीन अज्ञात व्यक्ति ग्राम झलमला की ओर जाते दिखाई दिए। जिनमें दो व्यक्ति को घेराबंदी कर पकड़े। एक व्यक्ति मौके से फरार हो गया। पकड़े गए दो व्यक्तियों ने पूछताछ करने पर अपना नाम शिवकुमार और सोहन बताएं। फरार व्यक्ति का नाम उन दोनों ने सोहन बताया था। आरोपी शिवकुमार के पास से एक नग तेंदुआ की खाल काले रंग के बैग में तथा मोहन के पास से एक नग कुल्हाड़ी मिली जिनकी जप्ती कार्रवाई की गई। गिरफ्तार व्यक्ति ने बताया कि उन तीनों ने एक तेंदुआ छत्तीसगढ़ राज्य के रेंगाखार परिक्षेत्र कक्ष क्रमांक 103 खरौना नामक जंगल में 15 अक्टूबर 2009 को बिजली करंट से मारे थे। विवेचना उपरांत परिवाद न्यायालय में पेश किया गया। विचारण के दौरान आई साक्ष्य के आधार पर तथा अभियोजन तर्कों से सहमत होकर माननीय न्यायालय ने दोनों आरोपियों को आरोपित अपराध में दोषी पाते हुए उपरोक्त से दंडित किए। इस मामले में शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पंजाब सिंह ने पर भी की थी।