जिला मुख्यालय सहित पूरे शहर में शरद पूर्णिमा का उत्सव 30 अक्टूबर को मनाया गया। इस अवसर पर शहर में लोगों ने देर रात तक पूजा आराधना की
शरद पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी जी का पूजन किया गया। शरद पूर्णिमा को महालक्ष्मी और भगवान विष्णु का विशेष दिवस माना जाता है। इस अवसर पर लोगो ने खीर का प्रसाद बनाया और आपस में वितरण किया।
इस दौरान अधिकांश लोग अपने घरों की छतों पर शरद पूर्णिमा मनाते दिखाई दिए निश्चित ही कोरोना काल में नवरात्रि पर लोग घरों के बाहर नहीं निकले लेकिन शरद पूर्णिमा के दिन अपने ही घरों की छतों पर उत्साह पूर्वक शरद पूर्णिमा मनाते दिखाई दिए।
शरद पूर्णिमा पौराणिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। वर्षा बीत जाती है। प्रकृति सुंदर हो जाती है और इस दिन से शरद ऋतु का आरंभ होता है। हल्की सर्दी आने का आभास दिलाती है। शरद पूर्णिमा को उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा हिंदू समाज में चली आ रही है।