कोरोना संक्रमण महामारी में दुनिया को बदल दिया है यह बात आपने बीते कुछ महीने के दौरान अक्सर लोगों की जुबान से सुनी होगी। यह बात कई माइनों में सही भी लगती है। कुछ इसी तरह की हालात इन दिनों शहर के कपड़ा सिलने वाले डीलरों की है वे कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद सब कुछ तो खुल गया लेकिन ट्रेन नहीं शुरु हुई जिस कारण उन्हें काम 30 फ़ीसदी ही काम मिल रहा है।
वर्षों बरसते टेलर्स का काम कर रहे लोग बताते हैं कि जब लोगों की आवक जावक का साधन ट्रेन बंद है, तो फिर काम कैसे चलेगा। इसकी परिभाषा वर्तमान समय में रेडीमेड कपड़ा व्यापार को भी माना जा रहा है। इस कारण टेलर्स लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।वहीं दूसरी और कुछ टेलर्स कहते हैं कि जब तक ट्रेन और पूरी संख्या में बस शुरू नहीं होती हालात नहीं सुधरते, तब तक रोजी-रोटी चल जाए इसी सोच के साथ काम कर रहे हैं। समय के साथ ही सब कुछ अच्छा होगा यह उम्मीद है।