शिक्षक बनने से छात्रों का हो रहा मोह भंग,डाइट संस्थान में एक तिहाई सीट खाली

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बालाघाट (पदमेश न्यूज)। शासन के द्वारा उच्च शिक्षा से जोडऩे के लिए छात्रों को बेहतर सुविधा प्रदान की जा रही है इसके बावजूद जिले में उच्च शिक्षा को लेकर छात्रों का मोहभंग होने लगा है और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े संस्थानों से मिली जानकारी पर गौर किया जाए तो जिस तरह से इन संस्थानों में छात्रों की प्रवेश संख्या कम हुई है उससे यह कहा जा सकता है कि अब छात्रों में शिक्षक बनने की ललक धीरे-धीरे कम होते जा रही है यदि इसके पीछे की वजह पर गौर करें तो शिक्षा विभाग के द्वारा करीब 8 वर्षों से स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है और काफी ऐसे छात्र हैं जो बीएड डीएलएड करके बेरोजगार होकर घर में बैठे हुए वहीं दूसरी और कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक समस्या से जूझ रहे गरीब परिवार से जुड़े छात्र भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
डाइट संस्थान में डीएलएड के लिए महज 38 छात्रों ने लिया प्रवेश
नगर के डाइट संस्थान में एक सैकड़ा सीट होने के बावजूद डीएलएड संकाय में अब तक केवल 38 छात्रों ने प्रवेश लिया है जबकि पिछले वर्ष डीएलएड संकाय की तमाम सीटें भर चुकी थी डाइट संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों के माने तो अभी प्रवेश प्रक्रिया का प्रथम चरण समाप्त हुआ है और दो चरण और भी बाकी है जिसमें छात्रों की संख्या बढ़ेगी यह उम्मीद लगाई गई है वर्तमान में डाइट को कुल 78 छात्रों की सूची प्राप्त हुई थी जिनमें से केवल अब तक 38 छात्रों ने प्रवेश प्रक्रिया में हिस्सा लिया है । उल्लेखनीय है कि डाइट संस्थान में डी एल एड प्रथम वर्ष के लिए 100 सीट और डी एल एड द्वितीय वर्ष के लिए 100 सीट निर्धारित है।
डीएलएड के लिए 38 छात्रों ने लिया प्रवेश -प्राचार्य
पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान डाइट संस्थान के प्राचार्य पीआर मेश्राम ने बताया कि शासन के निर्देशों के तहत डी एल एड प्रथम वर्ष के प्रवेश के लिए प्रथम चरण का आयोजन किया गया था जिसमें 78 छात्रों की सूची प्राप्त हुई थी जिनमें से 38 छात्रों ने प्रवेश लिया है उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो परिस्थिति बनी हुई है उससे कक्षा में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है लेकिन अभी दो चरण होना बाकी है जिस से उम्मीद लगाई गई है उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अब तक काफी अधिक संख्या में छात्रों ने प्रवेश ले चुका था लेकिन वर्तमान में कोरोनावायरस के कारण छात्रों की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है जिसके कारण वे उच्च शिक्षा से जुडऩे की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है वही दूसरा फैक्टर यह भी हो सकता है कि जिस प्रकार से काफी समय से शिक्षा विभाग में भर्ती नहीं हुई है उससे भी छात्र काफी मायूस है ।

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