नई दिल्ली। किसानों के हक की मांग करने वाले संत बाबा राम सिंह (नानकसर सिंघरा करनाल वाले) जी ने खुद को सुसाइड नोट के साथ सिंघु बार्डर पर गोली मार ली है। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि वह अब किसानों के संघर्ष को नहीं देख सकते थे।मैं आत्महत्या कर रहा हूं क्योंकि मैं यह सहन करने में असमर्थ हूं कि किसान सीमाओं पर बैठे हैं।किसान संघ का कहना है कि हम एक्सीडेंटल मौत के बारे में जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं।
अस्पताल में कराए गए भर्ती लेकिन बचाए ना जा सके
संत राम सिंह को घायल अवस्था में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। उनका एक सुइसाइड नोट भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक के लिए आवाज बुलंद की है।
मंगलवार को एक किसान का हॉर्ट अटैक से निधन
इससे पहले कुंडली बॉर्डर पर मंगलवार को एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। पंजाब के मोगा जिले के गांव भिंडर कलां के निवासी मक्खन खान (42) अपने साथी बलकार व अन्य के साथ तीन दिन पहले कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने आए थे।
‘अब तक 20 किसान हुए शहीद’
किसानों के संगठन एआईकेएससीसी का कहना है कि औसतन हर दिन एक किसान की मौत हो रही है। अब तक कुल 20 किसान आंदोलन के दौरान शहीद हो चुके हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार काले कृषि कानून को रद्द नहीं करेगी आंदोलन जारी रहेगा। किसान संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का वो स्वागत करते हैं जिसमें एक समिति बनाने का आदेश दिया गया है।