सजाया जा रहा नगरपालिका कार्यालय

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नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा वित्तीय संकट का रोना रोते हुए शहर में विकास कार्य लगभग डेढ़ से 2 वर्ष से बंद कर दिये गए हैं, बावजूद इसके नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा अपने कार्यालय और केबिन में लाखों रुपए खर्च किए जा रहे है।  नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा अपने कार्यालय में लाखों रुपए खर्च किए जाने का मामला नगरपालिका से लेकर शहर की जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है। बारिश के दिनों के दौरान पानी निकासी नहीं होना जलभराव की समस्या सहित अन्य परेशानी से लोग जूझ रहे हैं।  नगरपालिका पैसे नहीं होने का कारण बताते हुए उन्हें वापस कर देती है लेकिन वही नगर पालिका के अधिकारी अपने कार्यालय को चमकाने के लिए लाखों रुपए के काम करवा रहे हैं।  इस विषय पर जब हमने पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद प्रतिनिधियो से चर्चा की तो सभी ने एक सिरे से आरोप लगाया कि नगर की स्थिति किसी से छिपी नहीं है इस पर ध्यान देने के बदले नगर पालिका के अधिकारी स्वयं के ऑफिस को चमकाने में लगे हुए हैं।
पैसे नहीं होने का रोना- शफकत
वार्ड नंबर 9 के पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद प्रतिनिधि शफकत खान बताते हैं कि जिस तरह शहर में विकास कार्य नहीं होने जलभराव की समस्या से परेशान है,  नगरपालिका आर्थिक स्थिति खराब होने का रोना रो रही है। इसके बावजूद नगर पालिका में जो लाखों के काम हो रहे हैं इससे समझ आ रहा है कि नगर पालिका में प्रशासनिक कार्य काल में किस तरह के काम संचालित हो रहे हैं। आप जिस भी ठेकेदार से जानकारी लो तो उनके द्वारा काम नहीं किए जाने के बारे में यही जानकारी दी जाती है कि  उन्हें पैसा जारी नहीं किया गया है।  बावजूद इसके नए-नए काम किस मद से करवाए जा रहे हैं यह समझ से परे है।
खर्च हो चुके 2 करोड़- छविराम
नगर पालिका परिषद के पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद प्रतिनिधि वार्ड नंबर 7 छविराम नागेश्वर बताते हैं कि नगर पालिका परिषद कार्यालय और शहरों के केबिन में पहले ही लगभग 2 करोड़ रुपया खर्च हो चुका है,  इतना बेहतर कार्यालय और केबिन होने के बाद भी लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है,  जिससे प्रशासनिक व्यवस्था और जनता के प्रति जवाबदेही की पोल खुल रही है।
बिजली आफिस की मरम्मत
मोबाइल पर चर्चा के दौरान नगर पालिका के सीएमओ सतीश मटसेनिया बताते है कि नगर पालिका का बिजली विभाग का आफिस पूरी तरह से जर्जर हो गया था, उसे मेंटनेस का कार्य करवाया जा रहा है।

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