समुद्री तूफान के प्रभाव से इन राज्‍यों में मूसलाधार बारिश की आशंका, IMD मौसम विभाग ने चेताया

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देश के कई शहरों को इस समय तपती गर्मी और उमस से राहत मिल सकती है। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हो रहे चक्रवाती तूफान नोल Cyclone Noul के प्रभाव के चलते कई राज्‍यों में भारी बारिश हो सकती है। मुख्‍य रूप से पूर्वी और मध्‍य भारत इससे प्रभावित होगा। भारतीय मौसम विभाग IMD (आइएमडी) के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कई स्थानों में निम्न दबाव बनने से 20 सितंबर के आसपास ओडिशा में एक बार फिर भारी बरसात की संभावना है। बीते 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और तमिलनाडु में हल्की बारिश हुई।लिहाजा, अगले हफ्ते के अंत तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के वापस लौटने के आसार हैं। जानिये देश में कहां कैसा मौसम रहेगा।

अगले 24 घंटों का यह है अनुमान

अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत, दक्षिणी मध्य प्रदेश, दक्षिणी छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, रायलसीमा और केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अगले 24 घंटों के दौरान आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, लक्षद्वीप और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश संभव है। अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें गिरने की संभावना हैं। अगले 24 घंटों के दौरान तटीय कर्नाटक, दक्षिणी कोंकण गोवा, विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओडिशा में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।

समुद्री तूफान का अपडेट

स्‍कायमेट वेदर के अनुसार वियतनाम के मध्य तटवर्ती भागों पर लैंडफॉल करने के बाद यह थाईलैंड पहुंचेगा और थाईलैंड को पार करने में इसे 24 घंटों का वक्त लगेगा। इन सभी भागों में यह तूफान तेज़ हवाओं के साथ अति भीषण वर्षा देगा। हालांकि 19 सितंबर को यह फिर से कमजोर होकर डिप्रेशन बनेगा और बाद में इसके निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है।डिप्रेशन की क्षमता में आने के बाद यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी से आगे पश्चिमी दिशा में बढ़ेगा और देश के पूर्वी तथा मध्य भागों पर फिर से मॉनसून को सक्रिय करेगा। वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार इसके प्रभाव से 20 से 26 सितंबर के बीच ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में व्यापक वर्षा होने की संभावना है। यह काफी बड़े क्षेत्र को प्रभावित करने वाला है। इसका असर दक्षिण में तेलंगाना और उत्तर में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिम में गुजरात तक देखने को मिल सकता है।

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