सावधान.. भाऊ अकेला अभी भी पूरी कांग्रेस पर भारी है…

0


(उमेश बागरेचा)
बालाघाट ( पदमेश न्यूज )। जैसे-जैसे जिला पंचायत में अध्यक्ष के निर्वाचन की तिथि नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे राजनैतिक गलियारों में अफवाओं का दौर भी बढ़ता जा रहा है साथ ही अध्यक्ष पद के लिए लालायित दावेदारों तथा सदस्यों की धडक़ने बढऩे लगी है। आगामी 29 जुलाई को अध्यक्ष पद का निर्वाचन होना है जिसके लिए मात्र अब 6 दिन शेष रह गए है। एक-एक दिन निकलता जा रहा है लेकिन भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दलों की ओर से अभी तक अधिकृत प्रत्याशियों के नाम सामने नही आए है। 27 सदस्यों की इस जिला पंचायत के चुनावी नतीजों के अनुसार  बहुमत कांग्रेस के पास है उसके 14 सदस्य निर्वाचित घोषित हुए है । भाजपा समर्थित 6 तथा निर्दलीय 7 सदस्य है। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के दो दावेदार है जिनमे से एक सम्राट सरसवार है तो दूसरे दावेदार श्रीमती केसर बिसेन है। वर्तमान में जो चुनावी परिदृश्य उजागर हुआ है उसके अनुसार सम्राट के पक्ष में 14 में से उन्हें स्वयं मिलाकर 11 सदस्य है जबकि केसर बिसेन के पक्ष में उन्हें स्वयं मिलाकर मात्र 3 सदस्य है। सम्राट के साथ निर्दलीय राजा लिल्हारे का खुला समर्थन दिखाई दे रहा है जिसे मिलाकर 12 हो जाते है। एक अन्य निर्दलीय सदस्य मधु ऋषी शुक्ला जिन्हे पूर्व सांसद बोधसिंह भगत का करीबी होना माना जा रहा है, का भी समर्थन सम्राट के साथ हैं। इन्हे जोडक़र 13  सदस्य होते हैं तथा 2 अन्य निर्दलीय भी सम्राट के साथ है । ऐसे में आज की तारीख में कुल 15 सदस्य सम्राट के साथ है। जबकि श्रीमती केसर बिसेन के साथ मात्र 3 सदस्य वर्तमान में कांग्रेस समर्थक ही नजर आ रहे है। बावजूद इसके कांग्रेस आलाकमान की ओर से अभी तक कोई संकेत नहीं है कि किस नाम को पार्टी द्वारा अध्यक्ष के लिए आगे किया जाएगा। इस बीच गत रविवार को एवं सोमवार को सदस्यों की भोपाल में परेड कराई गई । माना जा रहा था कि संख्या के आधार पर सर्वसम्मति से उम्मीदवार के नाम का इशारा हो जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बात को लेकर सदस्यों में नाराजगी भी देखी गई कि बिना वजह क्यों भोपाल बुलाकर लाखों की राशि का खाने, पीने, ठहरने में खर्च कराया गया। बताया जा रहा है कि अध्यक्ष की कुर्सी के चारों ओर घुमाने का जो खेल खेला जा रहा है उसकी डोर जिले के प्रभारी  के हाथों  है , जिनको  भाजपा की सरकार के प्रमुख के रिश्तेदार जो कमलनाथ के बंगले पर पाए जाते है, का भी भरपूर साथ मिल रहा है और इन्ही के साथ कमलनाथ के नाम का भरपूर उपयोग करने वाले एक दो बालाघाट के कांग्रेसी भी शामिल है जो एन केन प्रकारेण किसी भी कीमत पर सम्राट को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन होते नहीं देख सकते और इसी लिए बकायदा केसर बिसेन के लिए लाबिंग करते हुए सम्राट के विषय में कई किस्म की गलत जानकारियां कमलनाथ के पास दी जा रही है। इनमे से एक प्रमुख ये है कि सम्राट सरस्वार को वारासिवनी विधायक प्रदीप जायसवाल के द्वारा सहयोग किया जाना बताया जा रहा है जो सर्वथा असत्य है। सम्राट के आर्थिक रूप से सक्षम होने के कारण कतिपय कांग्रेसियों द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि वह प्रभारी को मैनेज करे ,स्थानीय कुछ कांग्रेस के नेता जिनकी राजनीति कमलनाथ के बल पर चल रही है को  मैनेज करे, किंतु सम्राट ने मैनेज नहीं किया, तो अब क्या करे, तब फिर इन्होंने एक दूसरा रास्ता और चुन लिया जिसमे इन्होंने सम्राट का समर्थन कर रहें विधायक  हीना कावरे एवं संजय उइके पर प्रभारी से दबाव डलवाने की नीति अपना ली, तद्अनुसार सम्राट ने जो  13 सदस्यों की टीम की घेराबंदी की है उस टीम के अंदर केसर बिसेन को भी शामिल किया जाए ताकि सेंध लगाकर सम्राट की 13 सदस्यों की टीम को तोड़ फोडक़र भाजपा के सामाजिक सदस्यों के साथ गठजोड़ कर  अध्यक्ष की कुर्सी पर केसर बिसेन को पहुंचाया जा सके। जिले में कांग्रेस संगठन की नाकामी के चलते और कमलनाथ तक गलत सूचनाएं उपलब्ध कराने तथा प्रभारी  के भार से स्थानीय विधायको के दबे होने की लाचारी में, देश के अंदर कांग्रेस पार्टी  की चल रहीं परिपाटी के अनुसार कहीं ऐसा ना हो जाए कि बहुमत के होते हुए भी अध्यक्ष की कुर्सी भाजपा की झोली में चले जाए
क्यों कि ….
सावधान…. भाऊ अकेला अभी भी पूरी कांग्रेस पर भारी है……..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here