सेहत की परीक्षा में इंदौर के 82 प्रतिशत शिक्षक फेल, पढिये चौंकाने वाली रिपोर्ट

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स्कूल शिक्षकों को लेकर किए गए सर्वे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। सेहत की जांच में इंदौर के 82 फीसद शिक्षक फेल हो गए। उन्हें पता ही नहीं था कि वे विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं। इसी तरह 9.43 प्रतिशत को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह ने कब उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। 14.4 प्रतिशत शिक्षक दिल की बीमारी से ग्रसित थे, लेकिन उन्हें इस बारे में पता ही नहीं था।

यह चौंकाने वाली जानकारी हेल्दी टीचर-हेल्दी फ्यूचर अभियान के तहत सांसद शंकर लालवानी की पहल पर सेंट्रल लैब, जिला प्रशासन और रेडक्रास सोसायटी द्वारा किए गए संयुक्त सर्वे में सामने आई है। इंदौर के सेंट्रल लैब संचालक डा. विनीता कोठारी ने बताया कि सर्वे में 80 स्कूलों के चार हजार शिक्षकों को शामिल किया गया था। शिक्षकों की सेहत को लेकर किया गया संभवत: यह अपनी तरह का पहला सर्वे है। सर्वे में 60 प्रतिशत शासकीय और 40 प्रतिशत निजी स्कूलों को शामिल किया गया था। सांसद लालवानी ने बताया कि शिक्षक दिवस पर शहर के 10 अस्पताल शिक्षकों के लिए निश्शुल्क परामर्श उपलब्ध कराएंगे।

12 अलग-अलग पैमानों पर की जांचडा. कोठारी ने बताया कि सर्वे में 12 अलग-अलग पैमाने पर जांच की गई। यह बात सामने आई कि सिर्फ डेढ प्रतिशत शिक्षकों को ही पता था कि वे मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं। 82 प्रतिशत शिक्षकों में विटामिन डी की कमी पाए जाना चिंता की बात है। बड़ी संख्या में शिक्षकों में विटामिन बी-12, थायराइड और लीवर की बीमारी मिली है। सर्वे में बड़ी संख्या में महिला शिक्षक भी शामिल हुईं थीं।चौंकाने वाली बात यह है कि पुरुष शिक्षकों के मुकाबले महिला शिक्षकों में ज्यादा बीमारियां पाई गईं। डा. कोठारी ने कहा कि राहत की बात यह है कि सर्वे की वजह से बीमारी का पता आरंभिक स्थिति में पता चल गया है। इससे उपचार में सहायता मिलेगी।नंबर गेम4000 शिक्षक शामिल हुए सर्वे में80 स्कूलों के शिक्षक हुए शामिल82 प्रतिशत शिक्षकों में मिली विटामिन डी की कमी1.5 प्रतिशत को ही पता था कि उन्हें उच्च रक्तचाप है9.43 को पहली बार पता चला कि वे मधुमेह के मरीज हैं14.4 को पता नहीं था कि उन्हें दिल की बीमारी है

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