हर्षोल्लास से मनाया गया गुरूनानक देव जी का ५५३ वां प्रकाशपर्व

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नगर मुख्यालय के सिंधी मोहल्ला स्थित गुरू संगत दरबार में ८ नवंबर को पूज्य सिंधी पंचायत के तत्वाधान में गुरूनानक देव जी का ५५३ वां प्रकाशपर्व जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम सिंधी समाज के स्वजातीय बंधुओं ने प्रात: ६ प्रभात फेरी निकाली गई जो नगर का भ्रमण कर वापस गुरू संगत दरबार पहुंची जिसके बाद प्रात: ९ बजे सिंधु सेना के द्वारा बाईक रैली निकाली गई जो सांई मंदिर बकोड़ा पहुंची जहां विधि-विधान से पूजा अर्चना कर लालबर्रा, मानपुर, बकोड़ा का भ्रमण करते हुए वापस आये और प्रात: ११ बजे से दोपहर २ बजे तक गुरू संगत दरबार में दिल्ली से पधारे गुरूदेवसिंह ज्ञानी व साथियों के द्वारा सत्संग कीर्तन किया गया जिसमें सिंधी समाज के सभी महिलाओं व पुरूषों के द्वारा श्रवण किया तत्पश्चात लंगर का आयोजन किया गया और सभी ने लंगर ग्रहण कर धर्मलाभ अर्जित किये एवं शाम ५ बजे गुरूनानक देव जी का डीजे की धून पर शोभायात्रा निकाली गई जो नगर का भ्रमण करते हुए गुरू संगत दरबार पहुंची। इस दौरान युवा व महिलायों ने नृत्य भी किया एवं रात ८ बजे पधारे संतो के द्वारा सत्संग-कीर्तन का गायन किया गया और रात १२ बजे उपस्थितजनों के द्वारा केक काटकर गुरूनानक देव जी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया एवं श्रध्दालुओं को प्रसाद व मिठाई वितरित की गई।

चर्चा में पूज्य सिंधी पंचायत के सदस्य संजय चंदलानी ने बताया कि १ नवंबर से गुरू संगत दरबार में प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है एवं ८ नवंबर को गुरूनानक देव जी का ५५३ वां जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जिसमें प्रात: ६ बजे प्रभात फेरी, प्रात: ९ बजे सिंधु सेना द्वारा बाईक रैली निकाली गई एवं संगत दरबार में सत्संग-कीर्तन के पश्चात लंगर का आयोजन किया गया एवं शाम में गुरूनानक देव जी की शोभायात्रा निकाली गई जो नगर का भ्रमण करते हुए वापस गुरू संगत दरबार पहुंची और रात में पुन: सत्संग-कीर्तन कार्यक्रम संपन्न होने के पश्चात रात १२ बजे के बाद केक काटकर गुरूनानक देव जी का जन्मोत्सव मनाया जायेगा।

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