वारासिवनी नगर सहित क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बडे ही धूमधाम से मनाया गया इस पर्व को भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय नागरिक भी पूरी आस्था व हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं। मान्यता के अनुरूप श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का वध करने के लिए मथुरा में लिया था। क्योंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं, इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है। वहीं स्थानीय स्तर पर भी श्रीकृष्ण भक्त मथुरा जैसा धार्मिक माहौल इस अवसर पर निर्मित करने का प्रयास करते हैं गौर करने वाली बात है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर कृष्ण भक्त सुबह से ही काफ ी उत्साह में दिखाई दिए । प्रात: काल स्नान ध्यान कर हिंदू धर्मावलंबियों ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमाओं को बाजार से लेकर विधि विधान से पूजा अर्चना कर अपने.अपने घरों में स्थापित किया।
आकर्षक ढंग से सजे कृष्ण व राम मंदिर
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों को खास तौर पर सजाया गया है वहीं कृष्ण भक्तों द्वारा विशेष उपवास भी श्रीकृष्ण जन्म होने तक रखा गया कृष्ण मंदिर व राम मंदिर में झांकियां सजाई गई है मध्य रात्रि में कृष्ण जन्मोत्सव के साथ ही भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को झूले पर झुलाया साथ ही विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन अलग अलग मंदिरों में हुए नन्हे मुन्ने बच्चे कृष्ण का वेश धारण कर अपनी हट के लिए उसे भगवान के बाल काल प्रदर्शित करते रहे।
भगवान कृष्ण की प्रतिमाओं से सजा बाजार
वहीं कृष्ण जन्माष्टमी का दिन पूरी तरह से भगवान कृष्ण के नाम रहा एक से एक सुंदर आकर्षक मूर्तियां अपने भक्तों की बाट जोहते रहे। वहीं भक्तों ने भी भगवान को अपने घर ले जाने में कोई कोताही नहीं बरती सुबह से ही बाजार में भगवान के अलग अलग अंदाज में विभिन्न मुद्राओं की मूर्तियां देखी गई भक्त अपनी अपनी पसंद की प्रतिमाओं को देखते रहे अलग अलग मुद्राओं में इन मूर्तियों में भक्तों ने अपने अपने अंदाज में काफी भगवान पसंद किये और भगवान को सादर अपने निवास स्थान पर विराजित करने के लिए लेकर गए और दूसरी तरफ मूर्ति निर्माण कर्ताओं के निवासियों पर भी कृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व उत्साह के साथ भगवान कृष्ण के मन पसंदीदा मुद्रा वाला चित्र के अनुसार बनी आकर्षक मूर्तियों को लेने के लिए मूर्ति कारों के निवास पर भी खासी कृष्ण भक्तों की भीड़ लगी रही । जिसमें रात्रि में भगवान श्री कृष्ण के भक्त जनों के द्वारा शुभ मुहूर्त पर विधि विधान से मूर्ति स्थापित कर वह फोटो की पूजा अर्चना कर जन्मोत्सव पर्व धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर रात भर भजन कीर्तन भी आयोजित किए गए।
नगर हुआ श्रीकृष्ण मय
वहीं शुक्रवार के दिन पूरे नगर में श्री कृष्ण के नाम की धूम रही जिसमें नगर के चौक चौराहों सहित मार्गों पर कृष्ण भक्ति का खासा उदाहरण देखने मिला जहां पर हर कृष्ण भक्त अपनी साइकल गाड़ी में श्री कृष्ण की प्रतिमा लेकर अपने निवास जाते दिखे और रोड़ों पर श्रीकृष्ण की विशेष पूजा अर्चन की सामग्री जिनमें लाई, चना पाठ झूला सहित अनेकों वस्तुएं की दुकान लगी रही जिन्होंने नगर वासियों को कृष्ण भक्ति में रंगने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और कृष्ण जन्माष्टमी का पूरा नगर कृष्णमय हो गया।
मूर्तिकार सुरेश ढेकने ने बताया कि जन्माष्टमी दो तिथि में है ऐसे में अधिकांश लोग प्रतिमा को आज ले जा रहे हैं और बड़ी मूर्तियां कल जायेगी वैसे तैयार तो भगवान कृष्ण की सभी मूर्तियां हो गई है बड़ी मूर्तियां को फाइनल करना बाकी है। इसमें महंगाई केवल रंग में बढ़ रही है जो पहले 200 रुपये की मूर्ति थी उसमें 20 से 50 रुपये बड़ा है क्योंकि जो रंग आ रहा है उसमें 10 से 20 रुपए तोला बड़ा हुआ है। परंतु अब धार्मिक मान्यता भी बढ़ रही है मूर्तियां ज्यादा बनी है प्रत्येक मकान में 200 से 300 मूर्तियां बनी है और यहां की मूर्तियां बालाघाट तक जाती है इस दौरान करीब 10 बड़ी मूर्तियां बनाई गई है जो गोवारी समाज की है।
पंडित अशोक तिवारी ने बताया कि भगवान श्री राम मंदिर में रात 12:00 बजे कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा क्योंकि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि पर हुआ है अष्टमी तिथि 6 सितंबर की शाम करीब 7:30 बजे से प्रारंभ होगी जो 7 सितंबर की शाम 7:30 बजे खत्म होगी इस दौरान 7 सितंबर के रात 12:00 बजे अष्टमी तिथि नहीं है इसलिए 6 सितंबर की रात 12:00 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा और लोगों को भी बुधवार की अष्टमी मानना चाहिए क्योंकि तिथि पर भगवान का जन्म हुआ है और रोहिणी नक्षत्र भी अगले दिन नहीं है इसलिए श्री राम मंदिर में रात्रि 9:00 बजे से भजन कीर्तन कर रात 12:00 बजे जन्मोत्सव मना कर बधाई गीत गाये जायेगे।
बारिश की हुई आमद
जन्माष्टमी पर्व पर दोपहर करीब 3:00 बजे बारिश का दौर प्रारंभ हुआ जो करीब डेढ़ घंटे तक चला जिसमें नगर सहित विभिन्न क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई जिसमें भारी तपती गर्मी को ठंडा कर दिया और सभी को ठंडक का एहसास कराया।