अंग्रेजों के शासनकाल का पुल कभी भी हो सकता है धराशाही

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नगर मुख्यालय से लगभग २ किमी. दूर ग्राम अमोली-आमाटोला ददिया मार्ग से गुजरी वैनगंगा ढूटी वीयर बड़ी नहर के ऊपर से अंग्रेजों के शासनकाल में बनाया गया लोहे का पुल जर्जर हो चुका है और किसी भी समय यह पुल धराशाही हो सकता है परन्तु विभाग के द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। आपकों बता दे कि अंग्रेजों के शासनकाल में वैनगंगा ढूटी वीयर बड़ी नहर का निर्माण किया गया है एवं सर्राटी नदी नहर के ऊपर से गुजरी है और उक्त स्थान से आवागमन का साधन न होने पर लोहे का पुल का निर्माण करवाया गया था। पुल के ऊपर से चार, दो पहिया वाहन सहित ग्रामीणजन आना-जाना करते है परन्तु लंबे समय से किसी प्रकार का मरम्मत कार्य नही होने के कारण पुल क्षतिग्रस्त होने के साथ ही अज्ञात चोरों के द्वारा लोहे के एंगल जो सुरक्षा की दृष्टि से पुल के उपर लगाये गये है उसकी भी चोरियां की जा रही है। ऐसी स्थिति में पुल से गुजरते समय अगर बाईक अनियंत्रित होती है या बरसात के दिनों में नदी से पानी बहते समय कोई व्यक्ति लोहे के एंगल को पकडक़र नीचे देखते समय अनियंत्रित हो जाता है तो वहां सीधे ३० फीट नीचे नदी में गिर सकता है जिससे बड़ा हादसा घटित हो सकता है एवं पूर्व में भी इस तरह की दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी है। चर्चा में ग्रामीणों ने बताया कि १०० साल पहले अंग्रेजों के शासनकाल में वैनगंगा ढूटी वीयर बड़ी नहर का निर्माण के साथ ही पुल-पुलियों का भी निर्माण किया गया था जिसके बाद विगत वर्ष पूर्व नहर का करोड़ों रूपयों की लागत से सीमेन्ट्रीकरण किया गया है परन्तु पुल का निर्माण नही करवाया गया है। साथ ही यह भी बताया कि अमोली-आमाटोला पहुंच मार्ग के बीच से वैनगंगा ढूटी वीयर बड़ी नहर गुजरी है जो आगे बैलगांव होते हुए मिरेगांव, निलजी सहित अन्य ग्रामों की जो जाती है और ढूटी बांध का पानी नहर के माध्यम से क्षेत्र के किसानों के खेतों में पहुंचता है जिससे फसल की सिंचाई होती है परन्तु अमोली-बेलगांव की सीमा सर्राटी नदी गाडर के बीच में नदी होने के कारण आवागमन करने में परेशानी को देखते हुए अंग्रेजों के शासनकाल में लोहा का पुल का निर्माण किया गया था परन्तु समय-समय पर मरम्मत कार्य नही होने एवं रोजाना ट्रेक्टर, पीकअप व अन्य भारी वाहनों के आवागमन के कारण पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है और लोडिंग वाहन के गुजरते ही पुल कम्पन करने लगता है। जिससे ऐसा लगता है कि किसी भी समय पुल क्षतिग्रस्त हो सकता है एवं पुल से गुजरते समय सावधानीपूर्वक आना-जाना करना पड़ता है क्योंकि सुरक्षा के लिए जो लोहे के एंगल लगाये गये थे उसे अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी की जा रही है। साथ ही यह भी बताया कि इस मार्ग से मोटरसाइकिल, साइकिल व पैदल आने-जाने वाले लोग आवागमन करते है अगर बाईक अचानक अनियंत्रित होती है तो व्यक्ति सीधे ३० फीट नीचे नदी में गिर सकता है जिससे उसकी मौत भी हो सकती है। राहगीरों व ग्रामीणजनों ने जल संसाधन विभाग से क्षतिग्रस्त पुल का मरम्मत कार्य करवाने की मांग की है। इस संबंध में जलसंसाधन विभाग के अधिकारी से दूरभाष के माध्यम से चर्चा करने का प्रयास किया गया परंतु संपर्क नहीं हो पाया है।

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