अंर्तराज्जीय मार्ग वारासिवनी से मोवाड़ सड़क पर आयी दरार

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अंर्तराज्जीय मार्ग गर्रा से नवेगॉव होते हुये मोवाड़ तक की हालत जर्जर होने लगी है। मार्ग के दोनो और अप एवं डाऊन सड़क के बीचों बीच लंबी लाई लाईन सड़क के दरकने से दिखाई दे रही है। जिसकी प्रमुख वजह भारी वाहनों को बताने के साथ गर्मी का प्रकोप बताया जा रहा है। यह सड़क वर्ष २०१८ में बनकर तैयार हुई है। मगर वर्तमान में सड़क के बीचों बीच जिस तरह की लाईन नुमा सड़क फड़ते हुये दिख रही है। उससे यह प्रतीत होता है कि कहीं न कही सउ़क की गुणवत्ता पर निर्माण के दौरान कोताही बरती गई है।

जिले का सबसे व्यस्तम मार्ग

गौरतलब है कि वारासिवनी से मोवाड़ मार्ग काफी व्यस्तम मार्ग कहलाता है। यह मार्ग अंर्तराज्जीय मार्ग है जो सीधे महाराष्ट्र राज्य को जोड़ता है। इस मार्ग पर यातायात का भारी दबाव रहता है। मार्ग से भारी वाहन के अलावा यात्री वाहन सहित छोटे वाहनों का आना जाना काफी तादाद में रहता है। ऐसे में हम कहे तो मार्ग का कुछ हिस्से में जो बीचों बीच है उसमें तिड़कान आ गई है। जिससे मार्ग पर दौड़ रहे वाहन कई पर अनियंत्रित होकर दुर्घटना ग्रस्त हो रहे है। यह मार्ग बालाघाट जिले के सबसे व्यस्तम मार्ग में शामिल है। ऐसे में मार्ग की इस हालत पर एमपीआरडीसी विभाग को खासतौर पर देखना चाहिये।

मार्ग निर्माण में गुणवत्ता का नही रखा गया ख्याल – कोमेन्द्र डहारे

इस संबंध में मार्ग के समीप रहने वाले कोमेन्द्र डहारे ने पद्मेश को बताया कि मार्ग की इस जर्जर हालत को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि वारासिवनी से मोवाड़ तक बने इस मार्ग पर गुणवत्ता का ख्याल नही रखा गया है। मार्ग के बीचों बीच दरार आने से कई छोटे वाहन जब इनके बीच से गुजरते है तो असंतुलित होकर दुर्घटना का शिकार बन जाते है। हम चाहते है कि गर्रा से लेकर मोवाड़ तक पुन: मार्ग का निर्माण करवाया जाये। हालांकि यह मार्ग बीते १ से ५ वर्ष पूर्व ही बना है। मगर मार्ग के निर्माण में काफी अनिमित्ताऐं बरती गई है। जिसकी जॉच भी होनी चाहिये।

४ वर्ष पूर्व ही बनी है सड़क – डॉॅ. डेलेन्द्र गौतम

इसी तरह नगर के जागरूक युवा डॉ. डेलेन्द्र गौतम ने पद्मेश को बताया कि  वे भी वारासिवनीखैरलांजी मार्ग की दुर्दशा देखकर दंग  हो गये है। मार्ग के बीचों बीच सड़क तिड़क चुकी है जिसमें जब दो पहिया वाहन जाता है तो वो अनियंत्रित हो जाता है जो काफी गंभीर समस्या है। यह सड़क का निर्माण मात्र ४ वर्ष पूर्व ही हुआ है ऐसे में संबंधित विभाग को इस और ध्यान देना चाहिये और जहां तक का हिस्सा तिड़का है उसकी मरम्मती कार्य करे व पुन: उस स्थल तक सड़क बनाये क्योंकि यह जनहित का मामला है।

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