देश के प्रमुख एक्सप्रेस-वे और हाई-वे पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाने का काम शुरू होने वाला है। केंद्र सरकार ने 9 एक्सप्रेस-वे पर 6 हजार चार्जिंग स्टेशन लगाने पर मुहर लगा दी है। इनमें तीन हजार स्टेशन लगाने का काम जल्द पूरा होगा। वहीं सरकार एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) की मैन्युफैक्चरिंग भारत में कराने पर विचार कर रही है। फिलहाल इससे आयात किया जाता है। इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल निर्माण लागत में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी केमिकल सेल की है। अगर यह देश में बनने लगी तो इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत कम होंगी।
चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना तैयार
भारी उद्योग मंत्रालय के मुताबिक चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना तैयार है। नौ एक्सप्रेस-वे में दिल्ली-आगरा, मुंबई-पुणे, आगरा-लखनऊ, अहमदाबाद-बडोदरा, बेंगलुरु-मैसुरु, बेंगलुरु-चेन्नई और ईस्टर्न पेरिफेरल शामिल है।
एसीसी बैटरी का निर्माण देश में संभव
वहीं एसीसी बैटरी की निर्माण शुरू होने से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की निर्माण लागत कम होगी। इस सेल का निर्माण इस लिए संभव है, क्योंकि बैटरी में इस्तेमाल होने वाला 70 फीसद कच्चा माल भाक में उपलब्ध है। भारी उद्योग मंत्रालय ने इसके निर्माण के लिए इच्छुक कंपनियों से आवेदन भी मांगे हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने अब तक क्या हुआ ?
1. इलेक्ट्रिक वाहन पर टैक्स को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और चार्जर व चार्जर स्टेशनों पर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दिया है।
2. विद्युत मंत्रालय ने चार्जिंग अवसंरचना मानक जारी किए हैं। आवासों और कार्यालयों में प्राइवेट चार्जिंग की अनुमति दी है।
3. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि बैटरीचालित वाहनों को हरी लाइसेंस प्लेट दी जाएंगी। उन्हें परमिट लेने की जरूरत नहीं होगी।
4. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों पर ट्रोल टैक्स न लगाएं।
5. ई वाहन पोर्टल के अनुसार साल 2019 में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 1,61,314 और 2020 में 1,19,648 है।
पिछले तीन सालों में इतनी रही बिक्री
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार पिछले तीन सालों में 19 जुलाई 2021 तक देश में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 5,17,322 है। पिछले तीन वर्षों गैर-इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तुलना में ई-वाहनों की बिक्री करीब 1 प्रतिशत रही है। इसके अलावा देश में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को इंडिया स्कीम के फेज-II के अंतर्गत 20 जुलाई 2021 तक 87,659 ई-वाहनों के लिए सहायता प्रदान की गई है।
फेम-II के तहत राज्यवार सहायता प्राप्त इलेक्ट्रिक वाहन
राज्य | बिक्री की कुल संख्या |
जम्मू-कश्मीर | 437 |
हिमाचल प्रदेश | 241 |
पंजाब | 764 |
चंडीगढ़ | 48 |
उत्तराखंड | 1057 |
हरियाणा | 1477 |
दिल्ली | 6413 |
राजस्थान | 6721 |
उत्तर प्रदेश | 6022 |
बिहार | 2615 |
सिक्किम | 0 |
अरुणाचल प्रदेश | 0 |
नगालैंड | 0 |
मणिपुर | 78 |
मिजोरम | 0 |
त्रिपुरा | 538 |
मेघायल | 6 |
असम | 407 |
पश्चिम बंगाल | 771 |
झारखंड | 817 |
ओडिशा | 1671 |
छत्तीसगढ़ | 2055 |
मध्य प्रदेश | 2953 |
गुजरात | 1554 |
महाराष्ट्र | 9393 |
आंध्र प्रदेश | 3325 |
कर्नाटक | 19270 |
गोवा | 241 |
लक्षद्वीप | 4 |
केरल | 2068 |
तमिलनाडु | 13515 |
पुडुचेरी | 138 |
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह | 2 |
तेलंगाना | 3031 |
लद्दाख | 0 |
दादर और नगर हवेली और दमन और दीव | 27 |
कुल | 87659 |
6 जुलाई 2021 तक स्थापित चार्जिंग स्टेशनों का विवरण
नगर | चार्जिंग स्टेशन | राजमार्ग | चार्जिंग स्टेशन |
चंडीगढ़ | 48 | दिल्ली-चंडीगढ़ | 24 |
दिल्ली | 94 | मुंबई-पुणे | 15 |
राजस्थान | 49 | दिल्ली-जयपुर-आगरा | 29 |
कर्नाटक | 45 | जयपुर-दिल्ली राजमार्ग | 9 |
झारखंड | 29 | – | – |
गोवा | 17 | – | – |
तेलंगाना | 50 | – | – |
उत्तर प्रदेश | 11 | – | – |
हिमाचल प्रदेश | 7 | – | – |
कुल | 350 | – | 77 |