केंद्र सरकार की अति महत्वपूर्ण महत्वकांक्षी योजना नेशनल हाईवे 543 की राह में लगातार कई तरह के रोड़े आते जा रहे है। जिससे फिलहाल यह थोड़ा अटका हुआ दिखाई दे रहा है। वन भूमि से लेकर किसानों की जमीन अधिग्रहण और कोरोना संक्रमण कर्फ्यू के बाद अब बारिश की वजह से इसके लगभग अक्टूबर-नवंबर माह तक जमीन का सर्वे और सीमांकन अधिग्रहण की सारी प्रक्रिया शुरू नहीं होने की जानकारी दी जा रही है।
बालाघाट और वारासिवनी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार फरवरी माह के बाद से ही नेशनल हाईवे 543 का कार्य बंद है। आगामी दिनों में भी बारिश की वजह से बंद रहेगा। उसके बाद वरिष्ठ स्तर से मिली जानकारी और आदेश के अनुसार कार्य किया जाएगा।
आपको बता दें कि नेशनल हाईवे 543 डिंडोरी, मंडला, बालाघाट के रास्ते महाराष्ट्र को जोड़ा जाएगा। जो नैनपुर से रास्ते लामता, मगरदरा, कौड़िया मोहगांव होते हुए बेहराई, कनकी, मांझापुर- गर्रा से भोमोडी के रास्ते किरनापुर तहसील के होते हुए महाराष्ट्र को जोड़ेगा।
योजना के अनुसार हाईवे 45 मीटर चौड़ा होगा। जिसके लिए जिले के लिए बालाघाट अनुभाग अधिकारी राजस्व के अंतर्गत कुम्हारी, धापेवाडा, चरेगांव, सोनखार, पादरीगंज वारासिवनी-लालबर्रा अनुविभाग राजस्व के अंतर्गत माझापुर, गर्रा कनकी, बेहराई। वारासिवनी के अंतर्गत एकोडी, रेगाटोला, जागपुर, और पुनः बालाघाट के अंतर्गत भोमोडी, चिचगाव, कन्हड़गाँव सहित लगभग 1 हजार से अधिक किसानों की 1 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
हालांकि योजना के लिए डिंडोरी से मंडला की दूरी 91 किलोमीटर 230 करोड़ रूपया बालाघाट से मंडला की दूरी 41 किलोमीटर 150 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है।
जानकारी के अनुसार रजेगांव में बायपास का निर्माण किया जाएगा जो रजेगांव के बाहर से ही गोंदिया की सीमा महाराष्ट्र को जोड़ेगा। नेशनल हाईवे के लिए भूमि सीमांकन जमीन अधिग्रहण दावे आपत्ति निर्माण कार्य में 5 वर्ष से भी अधिक का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है।
इस विषय पर जब हमने प्रस्तावित नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण के हिसाब से सीमांकन किए गए गांव के लोगों से जानकारी ली तो अधिकांश लोगों में नेशनल हाईवे को लेकर उत्साह दिखाई दिया।
जमीन अधिग्रहण होने वाले हितग्राही मांग कर रहे हैं कि सरकार ने जमीन का सीमांकन तो कर लिया है अब उस जमीन की खरीदी बिक्री या उसका उपयोग नहीं किया जा सकता इसके लिए सरकार जल्द से जल्द मुआवजा दे।