अधिकारियों कर्मचारियों ने जड़े कार्यालय में ताले

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वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगे पूरी ना होने से जिले के समस्त विभागों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार से खासा नाराज है। जिन्होंने प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जहां अपनी विभिन्न लंबित मांगे पूरी ना होने से नाराज सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों ने शुक्रवार को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर पहले तो अपने-अपने कार्यालय में ताले जड़ दिए, फिर कार्य का बहिष्कार कर सांकेतिक धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। फिर सभी विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सामने सांकेतिक तौर पर धरने पर बैठ गए। जहां उन्होंने मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए पुरानी पेंशन लागू करने, महंगाई भत्ता देने, वेतन विसंगति को दूर करने और सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने सहित वर्षों से लंबित विभिन्न विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों की लंबित करीब 44 सूत्रीय मांगे पूरी किए जाने की गुहार लगाई।जहां शाम को संयुक्त मोर्चा के बैनर तले धरना स्थल से एक रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय में एक ज्ञापन सौपा गया। जहां संयुक्त मोर्चा द्वारा वर्षों से लंबित उनकी सभी मांगों को यथाशीघ्र पूरी किए जाने की गुहार लगाई गई।

बहुत सहे है 15 साल, अब ना सहेंगे अबकी बार,
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय आवाहन पर जिले के समस्त विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर सरकार को अपनी परिचय का ज्ञान कराया जहां शुक्रवार को जिले के अधिकारी, कर्मचारियों ने बहुत सहे है 15 साल, अब ना सहेंगे अबकी बार और हमारी मांगे पूरी करो के गगन भेदी नारों के साथ मांगो के समर्थन और सरकार के खिलाफ में नारेबजी की। अधिकारी, कर्मचारी के सामूहिक अवकाश आंदोलन होने से प्रशासनिक विभाग के सभी कार्यालय पूरी तरह से बंद रहे और प्रशासनिक कामकाज ठप्प पड़ रहा। जिसके चलते विभिन्न कार्यों को लेकर संबंधित विभाग पहुंचने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

इन मांगो को पूरा करने की लगाई गुहार
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले किए गए इस सांकेतिक प्रदर्शन के दौरान उपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली, विभिन्न संवर्ग कि वेतन विसंगति, स्थाई कर्मी को न्यूनतम एवं सातवां वेतनमान का लाभ, शिक्षकों को अर्जित अवकाश एवं पदोन्नति का लाभ, समस्त विभागों मे पदोन्नति, आउटसोर्स, संविदा कर्मचारी के नियमितिकरण, लिपिक, पटवारी, नर्स संवर्ग कि वेतन विसंगति सहित विभिन्न विभागो की 44 सूत्रीय मांगों को पूरा किए जाने की गुहार लगाई।

विरोध प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों ने लिया हिस्सा
इस आंदोलन में लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, नायब तहसीलदार, पटवारी, नपाकर्मी, अध्यापक, पटवारी, वनरक्षक, स्थायी कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका, लिपिक संवर्ग, नर्सेस, विभिन्न विभागो में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी, संविदा कर्मचारी, वन सुरक्षा श्रमिक, भृत्य संवर्ग, आकस्मिक निधि, कोटवार सहित अन्य अन्य विभागों के विभिन्न अधिकारियों कर्मचारियों के संगठन ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेकर मांगों को पूरा करने के लिए जमकर नारेबाजी की।

लगभग सभी विभागों में की गई तालाबंदी -सजल मस्की
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संयोजक सजल मस्की ने बताया कि मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय आह्वान पर आज प्रदेश के सभी 52 जिलों के अधिकारी कर्मचारियों ने एक दिवसी सामूहिक अवकाश लिया है। हम करीब 20 वर्षों से अपनी लंबित मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन आवेदन निवेदन कर रहे हैं।लेकिन सरकार हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रही है। जिसको लेकर अधिकारियों कर्मचारियों में आक्रोश है जिसके चलते आज एक दिवसीय सांकेतिक प्रदर्शन किया गया है। समस्त अधिकारियों कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर कार्यालय में तालाबंदी की है। लगभग सभी विभागों में तालाबंदी कर अधिकारी कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं।

वर्षों से लंबित है मांगे- पाराशर
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ अध्यक्ष समीर पाराशर ने बताया कि विगत 18 सालों से कर्मचारी अपनी समस्या के निराकरण की राह तक रहा है लेकिन हर बार सरकार केवल आश्वासन ही देती है। जबकि अब हमें अधिकार चाहिए। इस अधिकार के लिए हम सभी आज एकजुट है और एकजुटता के साथ सरकार को बता देना चाहते है कि अधिकारी, कर्मचारियों की मांगो को सरकार गंभीरता से ले, अन्यथा परिणाम उन्हें भुगतने होंगे।

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