बालाघाट-सोसाइटियों की व्यवस्था के माध्यम से किसानों का भला करने शासन का दावा कई बार किसानों के साथ छलावा और धोखाधड़ी जैसे उजागर होते मामले से सवालों में घिर जाता है।ऐसा ही ताजा मामला बालाघाट के लांजी क्षेत्र के अंतर्गत सेवा सहकारी समिति उपकेंद्र कारंजा का उजागर हुआ है जंहा खाताधारक किसान की बेची गई फसल धान की राशि 1 लाख 54 हजार 224 रुपये में से बाकायदा समिति ने ऋण वसूली की राशि ईमानदारी से 65 हजार 740 रुपये तो काट ली गई लेकिन बाकी 88 हजार 484 रुपये महाराष्ट्र के हिंगोली जिला के महिला के खाते में डाल दी गई।अब अपनी मेहनत की फसल की कीमत को पाने वृद्ध किसान दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है।जिसकी शिकायत दूसरी बार कलेक्टर कार्यालय जनसुनवाई में कई गई है। जिसमे ग्राम बापड़ी निवासी किसान भैया लाल बनोटे ने बताया की खरीफ की फसल धान सत्र 2022-2023 के तहत 75 क्विंटल 60 किलो धान कारंजा सेवा सहकारी समिति में विक्रय की थी जिसके एवज में 154224 रुपये की राशि मिलनी थी लेकिन समिति का कर्ज होने के कारण समिति ने बकायदा कर्ज की राशि 65740 रुपये तो काट लिए लेकिन शेष बची राशि खाते में नही डाली गई जब खाते में कई सप्ताह तक राशि न मिलने पर जानकारी ली तो समिति कर्मचारियों ने बताया कि उनकी फसल की राशि महाराष्ट्र के हिंगोली जिला निवासी सविता सोनवाने के खाते में चली गई है यह सुनकर किसान के पैरों तले जमीन खिसक गई और वे बेहद परेशान हो गए इसके पीछे जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारी अपनी गलती और कारनामे को छिपाने के लिए पीड़ित किसान और उसके परिजन को यह बताकर छलावा कर रहे है कि किसान बनोटे का आधार कार्ड में गड़बड़ी है।जबकि पीड़ित किसान का कहना है कि उनका आधार कार्ड सही है अगर गलत होता तो अन्य लेनदेन में भी गड़बड़ी होती।अपनी फसल की राशि से वंचित किसान पिछले कई महीनों से सोसाइटी,जनसुनवाई,सी एम हेल्पलाइन,सहित कई जगह शिकायत कर चुका है लेकिन उन्हें राशि नसीब नही हुई है ऐसे में किसान और उसके परिजन परेशान हो रहे है। जिनका कहना है कि उनकी माली हालत वैसे भी खराब है और कर्ज लेकर खेती करते है उन्हें कई लोगो को पैसे देना है और यदि उन्हें उनकी फसल का पैसा नही मिला तो उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी से जूझना पड़ेगा।पीड़ित किसान ने जल्द अपनी उपज की राशि दिलाये जाने की गुहार लगाई है।