अफगानिस्तान के जिस स्पिन बोल्डक इलाके में 16 जुलाई को भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई, वहां अब तालिबान और पाकिस्तान के झंडे साथ में लहराते दिख रहे हैं। तालिबान के लिए पाकिस्तान का समर्थन खुलकर सामने आ गया है। हाल ही में पाकिस्तान के 10 हजार लड़ाकों को अफगानिस्तान के वॉर-जोन भेजा गया है, ताकि वे आतंक फैलाने में तालिबान का साथ दे सकें और भारत के बनाए इंफ्रास्ट्रक्चर को बर्बाद कर सकें।
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने इन लड़ाकों को आदेश दिया है कि अफगानिस्तान में भारत ने जो इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कराया है, उसे तबाह करना है। हालांकि कई साल से आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में भारत के असेट्स को नुकसान पहुंचा रहा है। इस संगठन काे पाकिस्तान का समर्थन मिला हुआ है।
भारत ने अफगानिस्तान में किया है 3 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश
दो दशक में भारत ने अफगानिस्तान के कई सेक्टर्स में 3 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। इसमें अफगानी संसद से लेकर कई सड़कों का निर्माण शामिल है। भारत ने अफगानिस्तान के शिक्षा क्षेत्र में अहम योगदान दिया है। यहां पर शिक्षकों की ट्रेनिंग से लेकर पढ़ाई के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में भारत ने मदद की है। पाकिस्तान के आंतकी लड़ाकों को हिदायत दी गई है कि भारत की अच्छाई का सुबूत देते इन सारे असेट्स को खत्म करना है।
दानिश की मौत पर तालिबान ने दुख जताया था
तालिबान ने शुक्रवार को दानिश की हत्या पर दुख जताते हुए कहा था कि, हम इस बात से दुखी हैं कि पत्रकार हमें बिना बताए युद्धग्रस्त इलाके में आ रहे हैं। हमें नहीं पता कि किसकी गोलीबारी में पत्रकार मारा गया। युद्धग्रस्त इलाके में आने वाले किसी भी पत्रकार को हमें इसकी जानकारी देनी चाहिए। हम उसकी पूरी देखभाल करेंगे।
रिपोर्टिंग के दौरान हुई हत्या
तीन दिन पहले अफगानिस्तान के कंधार में तालिबानियों और सिक्योरिटी फोर्सेस की मुठभेड़ के दौरान भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत हो गई। वे न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करते थे। 2018 में उन्हें पुलित्जर अवॉर्ड दिया गया था। स्पिन बोल्डक जिले में दानिश पिछले कई दिनों से मौजूदा हालात को कवर कर रहे थे। अफगानिस्तान की स्पेशल फोर्सेस जब एक रेस्क्यू मिशन पर थी, तब दानिश उनके साथ मौजूद थे।