नई दिल्ली. निजी अस्पतालों को वैक्सीन खरीद के लिए कोविन ऐप का सहारा लेना होगा. नई प्रक्रिया के तहत प्राइवेट हॉस्पिटल सीधे निर्माता से वैक्सीन नहीं खरीद सकेंगे. इस बात की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है. यह प्रक्रिया गुरुवार यानि 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी. कहा जा रहा है कि इस फैसले के बाद सरकार निजी अस्पतालों की तरफ से खरीदी गईं खुराकों की संख्या पर नजर रख सकेंगी. दरअसल, कुछ समय पहले यह सामने आया था कि बड़े निजी अस्पताल ज्यादातर वैक्सीन खरीद रहे हैं. इसके चलते यह कदम उठाया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से बताया, ‘हां, उन्हें कोविन के जरिए खरीदी करनी होगी. इसे सरल और पारदर्शी बनाया जा रहा है.’ कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण प्रक्रिया और आवंटित 25 फीसदी वैक्सीन के पूरे इस्तेमाल को लेकर निजी अस्पतालों पर सवाल उठते रहे हैं. सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफनामें में बताया गया था कि जनवरी और मई 2021 के बीच प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के 1 करोड़ 56 लाख 30 हजार 130 डोज लगाए थे.
कैसी होगी प्रक्रिया
निजी अस्पताल कोविन ऐप के जरिए अपना ऑर्डर देंगे, जिसकी मंजूरी उन्हें पोर्टल पर ही मिलेगी. इसके बाद अस्पतालों को पेमेंट के लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी पोर्टल (NHA) पर जाना होगा. निजी अस्पतालों का कहना है कि इस प्रक्रिया के तहत सरकार हर एक हॉस्पिटल की वैक्सीन खरीद पर नजर रख सकेगी. फिलहाल, केंद्र सरकार कुल वैक्सीन का 75 फीसदी हिस्सा अपने लिए रखती है. वहीं, बाकी 25 प्रतिशत प्राइवेट हॉस्पिटल्स को दिया जाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, PSRI अस्पताल के डॉक्टर प्रशांत कुलश्रेष्ठ बताते हैं, ‘हम इसे सरकार की तरफ से नीति को लेकर लिया गया सकारात्मक निर्णय मानते हैं, क्योंकि इससे इस बात का पता लगा जाएगा कि एक अस्पताल ने कितनी वैक्सीन खरीदी हैं. इससे वैक्सीन के भंडारण पर रोक लगेगी और टीकाकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी.’