नई दिल्ली: 64 साल पुराना इनकम टैक्स कानून बदलने जा रहा है। सरकार नया इनकम टैक्स बिल लेकर आ रही है। माना जा रहा है कि इसे कल यानी गुरुवार को संसद में पेश किया जा सकता है। इस बीच इसका मसौदा सामने आया है जो 600 से ज्यादा पन्नों का है। इस नए कानून को इनकम टैक्स एक्ट 2025 कहा जाएगा और इसे अप्रैल 2026 से लागू किया जा सकता है। प्रस्तावित कानून में फाइनेंशियल ईयर के पूरे 12 महीने को टैक्स ईयर कहा जाएगा जबकि एसेसमेंट ईयर शब्द का यूज नहीं होगा। सूत्रों का कहना है कि टैक्सपेयर्स और एक्सपर्ट्स से मिलने वाली प्रतिक्रिया के आधार पर इस बिल में संशोधन किया जा सकता है। कैबिनेट ने पिछले हफ्ते इस बिल को मंजूरी दी थी।
इस बिल में इनकम टैक्स से जुड़े प्रावधानों को सरल बनाने, अनावश्यक प्रावधानों को हटाने और भाषा को आम आदमी के लिए अधिक अनुकूल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पुराने कानून से हजारों प्रावधानों को नए कानून में हटा दिया गया है। 1961 में बने पुराने कानून में कई ऐसी धाराएं हैं जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में आयकर अधिनियम से हटा दिए जाने के कारण अनावश्यक बना दिया गया है। हालांकि इसमें कई ऐसे मुद्दों को शामिल नहीं किया गया है जिनकी भाषा में बदलाव मुकदमेबाजी का कारण बन सकता है। इसकी वजह यह है कि टैक्सपेयर्स कई मामलों में नई व्याख्या चाहेंगे।
टैक्सपेयर्स के लिए क्या है खास
बूटा शाह एंड कंपनी के पार्टनर हर्ष बूटा ने कहा कि नया IT बिल कोई नया टैक्स नहीं लाएगा। यह टैक्स अनुपालन को आसान बनाएगा। अब इनकम टैक्स में बदलाव या राहत के लिए बजट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार खुद आदेश जारी करके बदलाव कर सकेगी। नए IT बिल का जोर गैर-कानूनी कामों पर स्क्रूटनी कम करने पर होगा। इससे ईमानदार टैक्सपेयर्स को परेशानी नहीं होगी। और मुकदमेबाजी भी कम होगी।










































