चाहे कोई भी शासकीय कार्यालय भवन हो या उनमें कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के क्वार्टर हो उनके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की होती थी लेकिन अब सरकार के नए आदेश के अनुसार मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुखों को दी गई है। जिसके अनुसार सभी विभागों के कार्यालय प्रमुख अपने अंडर में आने वाले कार्यालय के भवनो के मेंटेनेंस का जिम्मा संभालेंगे। इस आदेश को अन्य विभागों के लिए अच्छी खबर इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि जिस विभाग पीडब्ल्यूडी को मेंटेनेंस का जिम्मा सौंपा गया था वह खुद अपने कार्यालय के मेंटेनेंस का निर्वहन भी बखूबी सही तरीके से निभाते नहीं दिख रहा है।
यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि लोक निर्माण विभाग का प्रमुख कार्यालय जिसमें कार्यपालन यंत्री का दफ्तर होता है जिले भर में पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत जितने भी कार्य किए जाने हैं वह सभी कार्य इसी कार्यालय से अनुशंसा या कहे कि स्वीकृत होने के बाद किए जाते हैं। यह कहने में कोई हर्ज नहीं की निर्माण से संबंधित एजेंसियों में पीडब्ल्यूडी विभाग का नाम सबसे पहले लिया जाता है ऐसे महत्वपूर्ण विभाग जहां पर कार्यपालन यंत्री बैठते हैं उस कार्यालय के भवन में कहीं पर भी उस विभाग का नाम तक लिखा हुआ नहीं है।
आपको बताये कि किसी भी शासकीय कार्यालय या संस्थान में जाते हैं तो उस कार्यालय के भवन में कहीं ना कहीं उस विभाग का नाम लिखा अवश्य देखने मिलता है लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालन यंत्री जहां बैठते हैं उस कार्यालय भवन की दीवार में या गेट के सामने किसी तख्ती पर भी उस विभाग का नाम लिखा हुआ नहीं है जो कहीं ना कहीं विभाग की लापरवाही को उजागर कर रहा है। इस बारे में जब कार्यालय में बैठे तकनीकी कक्ष के अधिकारियों एवं लेखा विभाग के लोगों से बात की गई तो उनके द्वारा टालमटोल रवैया दिखाया गया।
बताया जाता है कि पीडब्ल्यूडी विभाग के पास आये दिन किसी न किसी विभागों से मेंटेनेंस के संबंध में आवेदन आते ही रहते थे लेकिन मेंटेनेंस का कार्य लंबे समय तक नहीं हो पाता था। कई ऐसे भवन व शासकीय क्वार्टर की जानकारी पूर्व में सामने आ चुकी है जो मेंटेनेंस होने की राह देखते रहे और आखिर में पूरी तरह जर्जर हो गए। इसी को देखते हुए हाल ही में शासन स्तर से आदेश प्राप्त हुए हैं जिसके अनुसार जिस भी भवन या शासकीय क्वार्टर का मेंटेनेंस कार्य होना है वह मेंटेनेंस कार्य उस विभाग के या कार्यालय प्रमुख की जवाबदारी होगी।
इसके संबंध में चर्चा करने पर लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि यह सही बात है अब तक सभी शासकीय विभागों का मेंटेनेंस इसी विभाग के माध्यम से कराया जाता था लेकिन अब मेंटेनेंस का कार्य संबंधित कार्यालय या भवन प्रमुख द्वारा स्वयं कराया जाएगा। इसके आदेश प्राप्त हो चुके हैं बकायदा इसकी जानकारी लोक निर्माण विभाग द्वारा विकसित कराए जा रहे पोर्टल पर फोटोग्राफ के माध्यम से देनी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि मेंटेनेंस कार्य के लिए आवेदन बहुत अधिक आते हैं लेकिन मेंटेनेंस के लिए राशि आबंटन नहीं आने के कारण मेंटेनेंस कार्य नहीं हो पाता था। अब कार्यालय प्रमुखों को ही यह दायित्व मिल जाने से मेंटेनेंस भवनो का बिना किसी पर निर्भर रहते हुये सही समय पर होगा और लोक निर्माण विभाग को भी इससे काफी राहत मिलेगी।