कोरोना का कहर पिछले डेढ़ साल से थमने का नाम नहीं ले रहा, पहली और दूसरी लहर ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। लाखों की संख्या में लोग इसके चपेट में आए और हजारों की तादाद में लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। इस खतरनाक वायरस ने नेता और राजनेता किसी को भी अछूता नहीं रखा। बीते एक साल में कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज इसकी चपेट में आ चुके हैं। जिसमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का परिवार भी सम्मिलित था।
हाल ही में अभिषेक बच्चन ने सोशल मीडिया पर कोरोना संक्रमित होने के दौरान अपना अनुभव साझा किया है। अभिषेक ने साझा करते हुए बताया कि सदी के महानायक उनके पिता अमिताभ बच्चन के साथ उनकी अच्छी तालमेल है। उन्होंने बताया कि पिछले साल जब वह कोरोना संक्रमित होने के दौरान पिता के साथ अस्पताल में भर्ती थे, तो पिता को देखकर उन्हें पॉजिटिव ऐनर्जी मिलती थी।
अभिषेक बच्चन ने कहा कि कोरोना संक्रमित होने के दौरान सबकी अलग अलग प्रतिक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि ये मेरे लिए सबसे बुरा अनुभव था क्योंकि मेरा परिवार भी इससे संक्रमित था। उन्होंने कहा यदि आप ऐसी परिस्थिति में हों जहां आपकी देखभाल चिकित्सा कर्मियों द्वारा किया जा रहा हो तो आप शक्तिहीन हो जाते हैं। अभिषेक ने सोशल मीडिया पर लाइव प्रोडकास्ट के दौरान अंतर्राष्ट्रीय वक्ता आनंद चुलानी के साथ इस पर बातचीत की।
सकारात्मक मानसिकता ही एकमात्र सहारा
अभिषेक बच्चन ने आनंद चुलानी के साथ बातचीत के दौरान कहा कि जब आपका जीवन चिकित्सा कर्मियों द्वारा चलाया जा रहा होता है तो ऐसे में आपके पास फैसिलिटीज होती हैं लेकिन आप उनका सही से यूज नहीं कर सकते हैं। अगर आप मेडिकल ऑबजर्वेशन में होते हैं तो आप शक्तिहीन महसूस करते हैं। आपकी जिंदगी मेडिकल टीम के द्वारा चलाई जा रही होती है। क्योंकि आप खुद के नियंत्रण में नहीं हैं। आपके पास शक्ति नहीं होती है, आपको समझ नहीं आता है कि क्या हो रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित होने के दौरान, जब मैं शुरुआती दिनों में अस्पताल में भर्ती था तो सोना मुश्किल था, क्योंकि एक रूम में क्वारंटाइन होने की वजह से मुझे नहीं पता था कि दूसरी तरफ क्या हो रहा है। अभिषेक ने कहा ऐसे में सकारात्मक मानसिकता रखना ही एकमात्र सहारा होता है।