अमानवीयता की हद पार, जीवित अवस्था में कुड़ेदान में मिला नवजात शिशु

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अमानवीयता की हदे उस समय पार हुई जब नवजात शिशु के जन्म लेते ही उसे मॉ का आंचल नसीब नही हो पाया और उसके परिजनों ने निर्दयतापूर्वक मासुम नवजात बच्चीं को कूडेदान में फेंक दिया यह घटना नगर मुख्यालय से लगभग १२ किमी. दूर ग्राम पंचायत मोहगांव ध. की है। ६ नवंबर को प्रात: करीब ७-८ बजे के बीच मोहगांव ध. निवासी रामदास पिंडकेकर के मकान पीछे बाड़ी स्थित कूडेदान से बच्चें की रोने की आवाज सूनाई दी तो श्री पिंडकेकर व ग्रामीणजन जाकर देखे तो कूड़ेदान में नवजात शिशु जीवित अवस्था में दिखा जिससे हड़कंप मच गया जिसकी खबर ग्राम में आग की तरह फैल गई और लोगों का जमावड़ा लग गया। जिसके बाद तत्काल ग्रामीणों के द्वारा पुलिस व संजीवनी १०८ वाहन को सूचना दी गई और नवजात बच्चीं को उपस्वास्थ्य केन्द्र मोहगांव ध. में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती किया गया जहां प्राथमिक उपचार कर बेहतर उपचार के लिए जिला चिकित्सालय रिफर किया गया है। वहीं पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही कर शिशु के परिजनों की तलाश में जुट गई है। नवजात बच्चीं के जन्म लेते ही उसके परिजनों ने अमानवीयता की हदे पार करते ही उसे कूड़ेदान में फेक दिया है जिससे कई तरह के सवाल उठ रहे है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी जो इस निर्दयता से जीवित शिशु को कूड़ादान में फेंका गया है। इस अमानवीयता की हदे पार करने वाली घटना ने सभी को झंझोर कर रख दिया है।

लोगों ने सुनी रोने की आवाज
बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत मोहगांव ध. निवासी रामदास पिंडकेकर के मकान के बाड़ी में कचरा फें कने का घुड (कुड़ादान) है जहां कूड़ा-करकट फेंका जाता है। रविवार की प्रात: करीब ७-८ बजे के बीच कुड़ेदान से नवजात शिशु की रोने की आवाज आने पर श्री पिंडकेकर के परिजन व पड़ोसी उक्त स्थान पर जाकर देखे तो नवजात शिशु झाडिय़ों के अंदर दिखाई दिया। कुड़ादान में जीवित अवस्था में अज्ञात नवजात बच्चीं मिलने के बाद से लोग अपने-अपने स्तर पर कयास लगा रहे है कि किसी को लड़का की चाहत रही होगी परन्तु लड़की होने के कारण फेंक दिया होगा या फिर अपने गलत कृत्य को छुपाने के लिए इस तरह की अमानवीयता की हद पार कर निर्दयतापूर्वक मासूम बच्चीं को फेंका गया होगा परन्तु स्पष्ट नही हो पा रहा है कि यह नवजात शिशु को जन्म किसने दिया, किसने लाकर कुड़ेदान में फेंका है। वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि किसी अज्ञात महिला ने नवजात बच्चीं को शनिवार की शाम एवं रविवार की प्रात: ६ बजे के पूर्व जन्म दी होगी क्योंकि बच्ची का शरीर को पूरी तरह से साफ नही किया गया था।

ग्रामीणों ने अमानवीयता की हदे पार करने वाले अज्ञात व्यक्तियों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं का नारा देती है परन्तु इस कलयुग में बेटी के जन्म होने के बाद कुछ निर्दयी कलयुगी माता-पिता बेटी के जन्म लेते ही उसे कुड़े में फेंक रहे है ऐसा ही एक नवजात शिशु जीवित अवस्था में मोहगांव ध. में कुड़ेदान में मिली है जिसे भी मरने के लिए कुड़ादान में फेंका गया है जिसकी हम निंदा करते है और पुलिस प्रशासन से मांग है कि मामले की जांच कर शिशु के परिजनों की तलाश कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।

दूरभाष पर चर्चा में बीएमओं डॉ. ऋत्विक पटेल ने बताया कि मोहगांव ध. में रविवार की प्रात: ९ बजे जीवित अवस्था में नवजात शिशु कूड़ेदान में मिला जिसे ग्रामीणजनों ने तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहगांव ध. में लाकर भर्ती किया जहां चिकित्सकों के द्वारा प्राथमिक उपचार कर बेहतर उपचार के लिए जिला चिकित्सालय रिफर किया है साथ ही यह भी बताया कि बच्ची का जन्म ५ नवंबर की शाम६ बजे के बाद एवं रविवार की प्रात: ६ बजे के पूर्व की हो सकती है।

दूरभाष पर चर्चा में थाना प्रभारी अमित भावसार ने बताया कि मोहगांव ध. निवासी रामदास पिंडकेकर के मकान के बाड़ी स्थित कुड़ेदान से जीवित अवस्था में नवजात शिशु बरामद किया गया है जहां प्राथमिक उपचार करवाकर जिला चिकित्सालय रिफर किया गया है और नवजात बच्चीं को किसने लाकर कुड़ेदान में फेंका है एवंउसके परिजनों की तलाश की जा रही है।

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