अमेरिका की ‘रेड लिस्‍ट’ में चीन-पाकिस्‍तान, तालिबान-बोको हरम भी सूची में शामिल

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने धार्मिक स्वतंत्रता का उल्‍लंघन करने वाले देशों के लिए ‘कंट्रीज ऑफ पर्टीकुलर कंसर्न’ की एक सूची जारी की है, जिसमें चीन और पाकिस्‍तान के साथ-साथ कई देशों को शामिल किया गया है। इस सूची में पाकिस्तान, चीन के साथ-साथ तालिबान शासित अफगानिस्‍तान, ईरान, रूस, सऊदी अरब, एरिट्रिया, ताजिकिस्‍तान, तुर्कमेनिस्तान, म्‍यांमार सहित 10 देशों को शामिल किया गया है। ये वे देश हैं, जो अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के मानकों पर खरे नहीं उतरते। अमेरिका हर साल ऐसे देशों व संगठनों की सूची जारी करता है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने धार्मिक स्‍वतंत्रता के उल्‍लंघन को लेकर जो नवीनतम सूची जारी की है, उसमें अल्जीरिया, कोमोरोस, क्यूबा और निकारागुआ को विशेष निगरानी सूची में रखा है। इन देशों पर धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के आरोप हैं। अमेरिका ने अल-शबाब, बोको हरम, हयात तहरीर अल-शाम, हौथिस, आईएसआईएस, आईएसआईएस-ग्रेटर सहारा, आईएसआईएस-पश्चिम अफ्रीका, जमात नस्र अल-इस्लाम वाल मुस्लिमीन और तालिबान को ‘एन्टिटीज ऑफ पार्टिकुलर कंसर्न’ के तौर पर सूचीबद्ध किया है।

क्‍या बोले विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन?

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को यह सूची जारी की और कहा कि उनका देश दुनिया के हर मुल्‍क में धार्मिक स्वतंत्रता की वकालत को लेकर प्रतिबद्ध है। उनहोंने कहा, ‘हमने पाया है कि दुनिया के बहुत से देशों में वहां की सरकारें अपनी मान्यता के अनुसार जीवन जीने के कारण लोगों को परेशान करती है, उन्‍हें जेल में डाल देती है और यहां तक कि उसे पीटा भी जाता है। अमेरिकी  प्रशासन दुनियाभर में हर व्‍यक्ति के धर्म की आजादी के अधिकार का समर्थन करता है।’

उन्‍होंने कहा कि आज दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए चुनौतियां संरचनात्‍मक तथा सिस्‍टमैटिक हैं। ये हर देश में मौजूद हैं। अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को इस पर तत्‍काल ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका दुनिया की सभी सरकारों पर अपने कानूनों और प्रथाओं में मौजूद कमियों को दूर करने के लिए दबाव डालना जारी रखेगा।

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