अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने नौकरशाही को विश्वसनीयता में बाधा बताया; रिपोर्ट में कहा- जो भारतीय मानक अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल नहीं खाते उनसे वृद्धि बाधित हो रही

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अमेरिका ने कहा है कि भारत व्यापार करने के लिए ‘चुनौतीपूर्ण जगह’ बना हुआ है। देश में निवेश के लिए नौकरशाही संबंधी बाधाओं को कम कर विश्वसनीय माहौल को बढ़ाने की जरूरत है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट ‘2021 इन्वेस्टमेंट क्लाइमेट स्टेटमेंट्स: इंडिया’ में कहा है कि भारत व्यापार करने के लिए एक चुनौतीपूर्ण जगह बना हुआ है।

इसमें जम्मू-कश्मीर से विशेष संवैधानिक स्थिति को हटाने और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पारित किए जाने का भी उल्लेख किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए संरक्षणवादी उपायों, जिसमें प्रतिस्पर्धी विकल्पों को सीमित करने वाले खरीद नियम, बढ़े हुए शुल्क शामिल हैं, ने वैश्विक आपूर्ति शृंखला को प्रभावित किया है। साथ ही विशिष्ट भारतीय मानक, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल नहीं खाते हैं, ने द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि को बाधित किया है।

कोरोना रोकथाम के उपायों के चलते आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आई
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम के उपायों के चलते आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आई, लेकिन दिसंबर 2020 तक आर्थिक गतिविधियों में सकारात्मक वृद्धि के संकेत दिखाई देने लगे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को हाल ही में कोरोना मामलों में वृद्धि के लिए कुछ आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे और सीएए का भी जिक्र
विदेश मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में दो ‘विवादास्पद’ फैसले लिए गए- जम्मू-कश्मीर से विशेष संवैधानिक दर्जा हटाना और सीएए को पारित करना। हालांकि, इस बारे में भारत का कहना है कि सीएए उसका ‘आंतरिक मामला’ है और ‘किसी भी विदेशी पक्ष को भारत की संप्रभुता से संबंधित मुद्दों पर टीका-टिप्पणी का कोई अधिकार नहीं है।’ इसी तरह भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है।

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