अव्यवस्थाओं के बीच जिले में शुरू हुई समर्थन मूल्य पर धान खरीदी !

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किसानों की फसल का वाजिब दाम दिलाने और उन्हें बिचौलियों से बचाने के लिए शासन द्वारा प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाती है प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी शासन द्वारा प्रदेश भर में 28 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की गई है. जिसके लिए जिले में 142 केंद्र बनाए गए हैं.जिसमें से ज्यादातर केंद्रों में धान की खरीदी अब तक शुरू भी नहीं हो पाई है. तो वही आज धान खरीदी के पहले दिन जिले में बनाए गए 142 केंद्रों में से महज 5 केंद्रों पर 5 किसानों ने अपना उपार्जन समर्थन मूल्य पर बेचा. वही जिन धान खरीदी केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसान पहुंच रहे हैं वहां पर भी धान खरीदी के माकूल इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं। जहा जिले के ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में अब तक साफ सफाई तक नहीं की गई है ।वहीं कई केंद्रों में साफ सफाई करने का कार्य किया जा रहा है। तो वही कई ऐसे केंद्र है जहां अब तक नए बारदाने भी नहीं पहुंच पाए हैं। और भी फटे पुराने बार दानों में ही धान की खरीदी कर रहे हैं।तो वहीं कई धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की छपाई, मार्किंग का कार्य अभी भी बाकी है इसके अलावा विधुत की व्यवस्था, किसानों के रुकने ,पानी पीने ,कैंटीन, पंडाल सहित अन्य व्यवस्थाएं अब तक पूरी नहीं की गई है वहीं कई धान खरीदी केंद्रों में बनाए गए प्रतीक्षा कक्ष के भी बुरे हाल है।

हालांकि इस बार शासन ने एसएमएस सिस्टम को फिलहाल धान खरीदी की इस प्रक्रिया से बाहर रखा है
जहां स्लॉट बुकिंग के आधार पर किसानों की धान समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही है ।जिससे किसान काफी खुश है। आपको बताए कि अक्सर यह देखने में आता था कि किसानों को उनका उपार्जन बेचने के लिए एसएमएस नहीं मिलते थे, और वे एस एम एस मिलने की राह ताकते रहते थे। लेकिन इस वर्ष स्लॉट बुक कर उनका उपार्जन बेचने की सुलियत शासन द्वारा प्रदान की गई है। जिसके चलते
किसान पहले दिन जाकर स्लॉट बुक कर लेते हैं और दूसरे दिन अपना उपार्जन भेज देते हैं जो किसानों के लिए बड़ी राहत की बात है।

आपको बताएं कि इस वर्ष से जिले में 1 लाख 14 हजार 800 किसानों ने अपना उपार्जन बेचने के लिए पंजीयन कराया है ।जहां पिछले वर्ष जिले में 193 धान खरीदी केंद्र बनाए गए थे ।लेकिन इस वर्ष जिले में महज 142 धान खरीदी केंद्रों का निर्धारण किया गया है ।मतलब साफ है कि अब भी पिछले वर्ष के मुकाबले जिले में 51 धान खरीदी केंद्र कम बनाए गए हैं। जिसके चलते किसानों को अपना उपार्जन बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष जिन धान खरीदी केंद्रों में धान का अधिक साल्टेड आया था। इस वर्ष उन केंद्रों को धान खरीदी केंद्र नहीं बनाया गया है। साथ ही धान खरीदने वाली समितियों को साल्टेज इसकी राशि जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि यदि समिति साल्टेज की राशि को जमा कर देगी, तो फिर उनके केंद्र को भी धान खरीदी केंद्र में शामिल कर लिया जाएगा।

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