असम और मिजोरम में सुलह के संकेत, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज FIR लिए वापस

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कई हफ्तों के तनाव के बाद असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों ने सुलह के संकेत दिये हैं। सोमवार को पहले मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने आपसी विश्वास बहाल करने की दिशा में कदम उठाते हुए मिजोरम पुलिस को निर्देश दिया कि वो 26 जुलाई को दर्ज सभी FIRs को वापस ले लें। बाद में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इसके जवाब में मिजोरम के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का निर्देश दिया। असम ने बातचीत शुरु करने के लिए अपने दो कैबिनेट मंत्रियों को भी मिजोरम की राजधानी एंजोल भेजने का फैसला किया है।

इससे पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ट्विटर पर लिखा, ‘असम मिजोरम सीमा विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल माहौल बनाने और पीड़ित नागरिकों की दुर्दशा को कम करने को लेकर मैंने मिजोरम पुलिस को निर्देश दिया है कि सभी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ वैरेंगटे और कोलासिब जिले में 26 जुलाई को दर्ज की गई FIR को वापस ले लें.’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात की थी। इस बातचीत के बाद मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा था कि फोन पर बातचीत के दौरान ये फैसला किया गया कि सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से बातचीत के साथ सुलझाया जाए। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर हुई बात के मुताबिक, हम मिजोरम-असम सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण माहौल में सार्थक वार्ता के जरिये सुलझाने पर सहमत हुए हैं। इसके अलावा जोरामथंगा ने अपील की थी कि मिजोरम के लोग भड़काऊ संदेश पोस्ट न करें और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने से बचें ताकि मौजूदा तनाव को खत्म किया जा सके।

असम और मिजोरम के बीच बीते हफ्ते 26 जुलाई को तब तनाव बढ़ गया था, जब मिजोरम के कोलासिब जिले के वायरेंग्टे कस्बे में दोनों राज्यों के लोग और पुलिस बल में फायरिंग शुरु हो गई। इस हिंसक झड़प में असम के छह पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। तनाव को देखते हुए केन्द्र सरकार ने दोनों राज्यों की सीमा पर CRPF की पांच कंपनियां तैनात कर दी हैं।

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