आ΄दोलित मंडी कर्मचारियों ने कार्यालय मे΄ जड़ा ताला

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बालाघाट( पदमेश न्यूज़)। मंडी निजीकरण , सरकार द्वारा लागू किए जा रहे मंडी एक्ट बकाया वेतन और वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर के मंडी कर्मचारी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं जिसके चलते संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर गोगलाई स्थित मंडी कर्मचारियों ने भी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान मंडी कर्मचारियों सहित तुलावटी, हमाल, हाथ ठेला लोडिंग गाड़ी चालक मंडी कर्मचारियों ने एकजुट होकर सरकार की नीतियों का खुलकर विरोध किया और मंडी कार्यालय में ताला जड़कर 25 सितंबर से एक बार फिर मंडी में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी कर्मचारियों के अनुसार वेतन संबंधित मांगों को पूरा नहीं किए जाने के विरोध में उनके द्वारा या हड़ताल शुरू की गई है।जिसमें उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मांग पूरी ना होने अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है।
आश्वासन पर स्थगित हुई थी अनिश्चितकालीन हड़ताल
आपको बताएं कि इसके पूर्व भी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंडी कर्मचारियों ने संपूर्ण प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी बताया जा रहा है कि1 सितंबर को उनके द्वारा एक अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्थानीय मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद यह हड़ताल समाप्त कर दी गई थी। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्थानीय मंत्री रामकिशोर कावरे द्वारा 15 दिनों के भीतर मंडी कर्मचारियों की वेतन संबंधी सभी मांगे पूरी किए जाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन समय बीत जाने के बाद भी प्रदेश शासन द्वारा उनकी मांग पूरी नहीं की गई। जिसे देखते हुए उनके द्वारा पुन: हड़ताल शुरू कर दी गई है।बताया जा रहा है कि इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में बालाघाट जिले सभी मंडियों के 125 कर्मचारी शामिल हुए हैं वही पूरे राज्य में लगभग 8000 कर्मचारी इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल है।
सरकार ने नहीं निभाया अपना वादा -आकाश ठाकुर
गोगलाई मंडी में जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी आकाश ठाकुर ने बताया कि हमारी यह हड़ताल इससे पहले 1 सितंबर को शुरू की गई थी उस समय मुख्यमंत्री और स्थानीय मंत्री ने वेतन भत्ते सुनिश्चित करने की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था जिसके लिए उन्होंने 15 दिनों की मोहलत मांगी थी पर 15 दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया और मंडी कर्मचारियों की यह मांग पूरी नहीं की गई है जिसके चलते बालाघाट जिले के 125 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं इसे मंडी की पूरी व्यवस्था प्रभावित होगी वही किसानों को भी तकलीफ होगी जिसके लिए हम क्षमा मांगते हैं अनिश्चितकालीन हड़ताल से सरकार को करोड़ों का नुकसान होगा जिसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार हैं।

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