जिले की आंगनबाड़ियों में काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को लगभग तीन माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। जिसके चलते घर चलाने में उन्हें आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही ग्रीष्मकालीन अवकाश सहित अन्य मांगे पूरी न होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं सहायिकाएं काफी नाराज हैं। जिन्होंने तीन माह के मानदेय का एक साथ भुगतान करने और ग्रीष्मकालीन अवकाश दिए जाने सहित अन्य लंबित 06 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को एक ज्ञापन सौपा है।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू के बैनर तले कलेक्ट्रेट कार्यालय में सौंप गए इस ज्ञापन में उन्होंने यथाशीघ्र लंबित मानदेय का भुगतान किए जाने सहित उनकी सभी 06 सूत्रीय मांगों को जल्द से जल्द पूरा किए जाने की गुहार लगाई है।
इन मांगों को लेकर सौपा ज्ञापन
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू के बैनर तले कलेक्ट कार्यालय में सौपे गए इस ज्ञापन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने आंगनबाड़ी केंद्रों में 11 पंजी संधारण के लिए पंजी उपलब्ध कराने या खरीदने के लिए राशि दिए जाने, केंद्रों में पानी टंकी, बर्तन, पानी फिल्टर ,कुर्सी टेबल की व्यवस्था करने, तीन माह से बकाया मानदेय का त्वरित भुगतान करने, प्रतिमा 5 तारीख के अंदर मानदेय दिए जाने, आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली कनेक्शन, बिजली फिटिंग और पंखों की व्यवस्था करने, बच्चों को यूनिफॉर्म और चप्पल उपलब्ध कराने और टीएचआर का पैसा विभाग से दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा है ।जिसमें उन्होंने उनकी सभी मांगे जल्द से जल्द पूरी किए जाने की गुहार लगाई है।
हमारी मांगों पर विभाग नहीं दे रहा ध्यान- अंजली
कलेक्ट्रेट कार्यालय में सौंपे गए इस ज्ञापन को लेकर की गई चर्चा के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू अध्यक्ष अंजली बिसेन और सचिव श्रीमती वहाने ने संयुक्त रूप से बताया कि यह तीसरा माह शुरू हो गया है अब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मानदेय नहीं दिया गया है। अधिकारी लोग बोलते हैं कि इस माह के अंत तक दो माह का बकाया पेमेंट आ जाएगा। समय पर मानदेय न मिलने के चलते हमें आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में शादी विवाह का सीजन है,वही ग्रीष्मकालीन सीजन होने के चलते बच्चे आंगनबाड़ियों में कम पहुंच रहे हैं।ज्यादातर बच्चे शादी विवाह में अपने माता-पिता के साथ चले जाते हैं या फिर गांव चले जाते हैं। जिससे उनकी उपस्थिति आंगनवाड़ी में कम हो गई है। लेकिन अधिकारी लोग आंगनबाड़ियों में बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत करने की बात कहते हैं। ऐसे में हम बच्चे कहां से लेकर आए यह समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने बताया कि आंगनवाडड़ीयो में टीएचआर का पैसा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा वाहन चालक को दिया जाता है। यह पैसा विभाग से दिया जाना चाहिए इसकी भी हमने मांग की है। वही गर्मी के इस दौर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को भी अवकाश मिलना चाहिए। क्योंकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका सहित बच्चे के इस भीषण गर्मी में परेशान हो रहे है।उनकी तबीयत खराब हो सकती है इस पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा हमारी अन्य मांगे भी हैं जिन्हें पूरा किए जाने की गुहार लगाते हुए ज्ञापन सौपा गया है।उन्होंने आगे बताया कि हमने इन मांगों को पूरा करने के लिए कई बार आवेदन निवेदन किया है लेकिन विभाग द्वारा सुनवाई नहीं की जा रही है।