आईआईएम की परीक्षा में ओजस हनवत को मिली सफलता

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भारत सरकार के द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम में प्रवेश के लिए कॉमन एडमिशन टेस्ट का परीक्षा परिणाम जारी किया गया जिसमें नगर के वरिष्ठ भाजपा नेता, समाजसेवी छगन हनवत के बड़े पुत्र ओजस हनवत ने उक्त परीक्षा में सफलता अर्जित के देश के नामचीन भारतीय प्रबंधन संस्थान में शिक्षा का अवसर प्राप्त किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वरिष्ठ भाजपा नेता छगन हनवत श्रीमती दीप्ती हनवत का सुपुत्र एवं वरिष्ठ विज्ञान शिक्षक पंचम हनवत का भतीजा ओजस हनवत ने पूर्व में इंजीनियरिंग की थी जिनके द्वारा विभिन्न महानगरों में अपनी सेवा प्रतिष्ठित संस्थानों में दी गई। इसी दौरान उनके द्वारा कॉमन एडमिशन टेस्ट भारतीय प्रबंधन संस्थान यानी आईआईएम की सफलता अर्जित कर वारासिवनी नगर ही नहीं बालाघाट जिले का नाम रोशन किया है। जिससे उनके सभी चित्र परिचित लोगों में हर्ष कि वह लहर व्याप्त है।

ओजस हनवत ने पदमेश से चर्चा में बताया कि कॉमन एडमिशन टेस्ट की परीक्षा पास करने में बहुत लोगों की मेहनत है मेरे अकेले से कुछ नहीं हुआ मेरे माता-पिता की सबसे ज्यादा मेहनत है और अभी मैंने ज्यादा कुछ नहीं किया है आगे बहुत कुछ करने को है मेरी उम्र मात्र 23 वर्ष है मुझे आगे बढ़ना है। यह मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है इसके पहले मैंने जेईई मेंस की परीक्षा दी थी उसमें मुझे सफलता अर्जित हुई थी। श्री हनवत ने बताया कि इस कॉमन एडमिशन टेस्ट जो भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम के लिए होती है जिसमें 2 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे। उनकी 1000 से 1100 के बीच में रैंक आई है इसमें पॉइंट परसेंट मायने रखता है और आगे बहुत कुछ है करने के लिये। मैंने शासकीय नौकरी से हटकर कुछ करना था क्योंकि वह एक शेड्यूल हो जाता है और प्राइवेट में कैरियर स्विच कर सकते हैं आपका अनुभव आपके साथ रहता है पाबंदी नहीं है। श्री हनवत ने कहा कि मुझे स्वयं का विस्तार करना था तो मैंने प्राइवेट नौकरी के साथ-साथ तैयारी की ताकि मैं मैनेजमेंट सीख सकूं और इसका अनुभव ले सकूं। जिसके लिए मुझे आईआईएम बेंगलुरु कोलकाता लखनऊ जैसे करीब 10 से ज्यादा कॉलेजों ने रिक्वेस्ट किया था परंतु मेरे द्वारा एफएमएस दिल्ली में प्रवेश लिया जायेगा। श्री हनवत ने कहा कि मुझे भारत में नौकरी करनी है बाहर अलग क्या सीख लूंगा डेवलपनेशन में युवा नहीं है और इंडिया में बहुत ज्यादा यूथ है जिस कारण से यहां डेवलपमेंट है। आज हमारे यहां 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न है जो व्यक्ति एक बिलियन डॉलर रेवेन्यू टच कर लेता है वह यूनिकॉर्न है इसलिए भारत में ही मुझे काम करना है। बाहर 1करोड़ रुपए और यहां 20 लाख दोनों की वैल्यू बराबर है क्योंकि वहां पर 10 रुपये की रोटी आती है यहां 2 रुपये की मुझे एक बड़ा टैक्स पेयर बनना है। मेरे जैसे अनेकों युवाओ से यही अपील है कि वह स्वयं को देखें और जाने अपनी कमजोरी पर काम करें ऐसा नहीं है कि किसी ने कहा 12 घंटे पढ़ना है पर क्या पता उसे 14 घंटे पढ़ने की जरूरत हो या 8 घंटे में भी उसका काम हो रहा है सिचुएशन पर हर चीज निर्भर है। इस उपलब्धि का श्रेय मेरे माता-पिता तो दूंगा जिनका मुझे सपोर्ट रहा और जीवन में हर अच्छाई दिखाएं बुराई का आज तक पता नहीं चला इसी प्रकार लोग भी अच्छी चीजों को समेटे और बुरी चीजों को छोड़ दे। मेरे सबसे घनिष्ठ मित्र है ऋषि सोमानी आयुष सुराना और मेरा भाई गगन हनवत जो भाई से ज्यादा मेरा दोस्त है जो मेरी खुशी और गम में मेरे साथ खड़े है।

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