आचार्य विमद सागर का पार्थिव शरीर पंचतत्व में लीन

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दिगंबर जैन संत आचार्य विमद सागर का पार्थिव देह रविवार सुबह पंचतत्व में लीन हो गया। उनका अंतिम संस्कार दिगंबर जैन संत की परंपरा के अनुसार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। कतारबद्ध होकर समाजजनों ने दिवंगत संत के दर्शन कर श्रीफल भेंट किया।

पोस्टमार्टम के बाद देर रात लाए पार्थिव शरीरप्रवचन केसरी के नाम से ख्यात आचार्य विमद सागर महाराज ने शनिवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम के बाद शनिवार रात 11.30 बजे उनकी पार्थिव देह को अंजनी नगर संत सदन लाया गया। समाजजनों का कहना है कि तनाव मुक्ति का संदेश देने वाले संत के कदम से समाजजन आश्चर्यचकित है। वे पिछले आठ माह से इंदौर में थे। उनके सानिध्य में तीन बड़े पंचकल्याणक होने वाले थे। पिछले कुछ दिनों से बीमारी के कारण तनाव में थे। इंदौर में इस बार दो बड़े दिगंबर जैन संत आचार्य विमद सागर और आचार्य प्रणाम सागर महाराज का ही चातुर्मास हुआ। इन दिनों वे शहर के जैन मंदिर के दर्शन पर थे। गुमाश्ता नगर दिगंबर जैन मंदिर में उनका चातुर्मास निष्ठापन चार नवंबर को होना था।

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