बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।डिजिटल क्रांति के इस दौर में मानव समाज के ज्यादातर कार्य 5जी की स्पीड में,ऑनलाइन हो रहे हैं।लेकिन बालाघाट जिले में अब भी ऐसे कई गांव है जहां आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी ग्रामीणों को इंटरनेट सुविधा तो बहुत दूर की बात, मोबाइल नेटवर्क तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है।जिसके चलते वहां के ग्रामीण संचार क्रांति और डिजिटल दुनिया से कोषो दूर है। जहां के ग्रामीणों को आपातकाल के समय सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अपनी इस मुख्य समस्या के समाधान के लिए वे पिछले कई वर्षों से शासकीय कार्यालयो के चक्कर काट रहे है।बावजूद इसके भी अब तक उनकी इस समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है।जिस पर अपनी नाराजगी जताते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने शुक्रवार को चक्कजाम कर जमकर प्रदर्शन किया।मामला रूपझर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम चालिसबोड़ी का है।जहा के पूर्व सरपंच धनलाल उइके के नेतृत्व में ग्राम चालीसबोडी, मोहनपुर कावेरी कसंगी सहित अन्य ग्रामों के ग्रामीण मुख्यमार्ग में एकत्र हुए जिन्होंने मोबाइल नेटवर्क ना मिलने की समस्या को लेकर चक्कजाम कर जमकर प्रदर्शन किया।तो वही मांग पूरी करने को लेकर की नारेबाजी करते हुए, जल्द से जल्द मांग पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
ना फोन लगता, ना हो रहे डिजिटल काम
जनपद पंचायत परसवाड़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम मोहनपुर चालिसबोडी सहित अन्य आसपास के कई गांवो में मोबाइल नेटवर्क नही मिलने से ग्रामीण परेशान है।जिससे फोन नही लग पा रहे है तो वही उनके ऑनलाइन संबधित कार्य नही हो पा रहे है।जिसपर अपना एतराज जताते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने शुक्रवार को चक्कजाम प्रदर्शन किया।जिसमे उन्होंने मोबाइल नेटवर्क की इस समस्या को दूर किए जाने की गुहार लगाई है।जिन्होंने जल्द से जल्द मांग पूरी न होने पर बैहर की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर समस्त गांवो के ग्रामीणों को एकत्र कर उग्र आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।
क्षेत्र में लगे हैं चार-चार टावर, पर नेटवर्क एक में भी नहीं
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि उनके गांव सहित अन्य आसपास के गांव को मिलाकर यहाँ चार-चार मोबाइल टावर लगाए गए है।किन्तु नेटवर्क किसी में नहीं है। बी.एस.एन.एल. नेटवर्क भी हमेशा बन्द रहता है, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानीयों का समना करना पडता है, किसी का आपतकालीन फोन आये तो नेटवर्क की परेशानी रहती है।उन्होंने उनके नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नेटवर्क की बेहतर सेवा प्रदान करने की गुहार लगाई गई है।
मोबाईल नेटवर्क समस्या से कई गांवों के ग्रामीण परेशान
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत मोहनपुर के अन्तर्गत कुल 7 ग्राम पंचायत, चालिसबोडी के अन्तर्गत 04 ग्राम पंचायत, कावेली के अन्तर्गत 05 ग्रामपंचायत ,कंसगी के अन्तर्गत 06 ग्राम पंचायत, पुलिस चौकी कंसगी, पुलिस चौकी सोनेवानी 14 प्रायमरी स्कूल, एक हायर सेकेन्डरी स्कूल, 03 मिडिल स्कुल , 01 कन्या छात्रावास मोहनपुर और 01 बालक छात्रावास कान्हाटोला में आते है।जहां आए दिन मोबाईल नेटवर्क की समस्या बनी रहती है।आनलाइन कार्य नहीं हो पाते है यह क्षेत्र अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। नेटवर्क नही होने के चलते कोई भी कार्य नहीं हो पाते है जिसके कारण जनता अत्यधिक परेशान हो रही है।
बिजली की समस्या का भी नही हो रहा निदान
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम कोडका, माटे, पालाघोंन्दी में बिजली है परन्तु केबल के तार होने के कारण कई दिनों तक लाइट बन्द रहती है।जिससे ग्रामीण जनों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पडता है।इस क्षेत्र से वनसम्पदा का भारी मात्रा में दोहन किया जाता है।जिससे शासन को करोडों रूपयों का राजस्व प्राप्त होता है। किन्तु उसी क्षेत्र की शासन द्वारा अनदेखी की जा रही है ।बिजली समस्या को लेकर भी कई बार शासन एवं प्रशासन को अवगत कराया गया है।किन्तु आज दिनांक तक कोई सुनवाई नहीं हुई।इसके अलावा सम्पूर्ण कृषक गणों को धान का पंजीयन एवं ईकेवायसी की सुविधा, फार्मर पंजीकरण तथा अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है ।