आजाद अध्यापक संघ ने निकाली आक्रोश रैली

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पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति और अनुकंपा नियुक्ति सहित अन्य मांगों को लेकर आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है जो 11 वे दिन भी जारी रही। काफी दिनों से शिक्षकों की हड़ताल जारी होने के बावजूद भी सरकार की ओर से कोई वार्ता नहीं किए जाने से नाराज होकर आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा शनिवार को जिला स्तरीय आक्रोश रैली निकाली गई जिसमें सैकड़ों की संख्या में शिक्षक शामिल रहे। शिक्षकों द्वारा पूरे गर्मजोशी के साथ पुरानी पेंशन और क्रमोन्नति को लेकर आवाज बुलंद की गई।

आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा जिला स्तरीय आक्रोश रैली हड़ताल स्थल उत्कृष्ट विद्यालय मैदान से शुरू की गई जो गोंदिया रोड होते हुए हनुमान चौक पहुंची। यहां से मेन रोड से सराफा चौक सुभाष चौक राजघाट चौक होते हुये कालीपुतली चौक पहुंची यहां शिक्षकों द्वारा नीचे जमीन पर बैठकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया गया। जहां से यह रैली जयस्तंभ चौक विश्वेश्वरैया चौक होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची जहां उनके द्वारा मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।

आपको बताये कि इस रैली में जिले भर से आजाद अध्यापक संघ से जुड़े अध्यापक शिक्षक गण शामिल हुए थे। यह रैली काफी लंबी थी जिसके कारण आवागमन काफी प्रभावित हुआ। इस आक्रोश रैली के दौरान सीएसपी अंजुल अयंक मिश्रा, कोतवाली थाना प्रभारी कमल सिंह गहलोत एवं यातायात थाना प्रभारी शैलेंद्र यादव पूरी रैली के दौरान तैनात रहे।

आक्रोश रैली के संबंध में आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आशीष बिसेन ने बताया कि इस हड़ताल के लिए अध्यापक उत्तरदायी नहीं है इसके लिए सरकार उत्तरदायी है। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा वर्ष 2015 के बाद छुट्टी के दिनों में ही आंदोलन किए गए, लेकिन विगत 4 वर्षों से क्रमोन्नति के आदेश जो कि वर्ष 2018 से जारी हो जाना था लेकिन वह नहीं हुआ अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है जिसके करण प्रांत अध्यक्ष द्वारा ध्वज यात्रा शुरू की गई जिसे सरकार द्वारा आश्वासन देते हुए स्थगित करवाया गया। उसके बाद लंबा समय बीत जाने पर भी क्रमोन्नति अनुकंपा नियुक्ति गुरुजियो की वरिष्ठता पुरानी पेंशन जैसे कोई आदेश जारी नहीं किए गए जिसके चलते उन्हें आंदोलन के स्वरूप को बदलकर हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा। बच्चों की पढ़ाई अध्यापकों के कारण नहीं बल्कि सरकार की हठधर्मिता के कारण प्रभावित हो रही है। शासन हमारे संगठन के साथ बात करने के लिए तैयार नहीं है जब तक सरकार हमारे प्रांत अध्यक्ष को बुलाकर सकारात्मक वार्ता नहीं करता तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी।

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