सीमा पार से दहशतगर्द पिछले कुछ समय से भारत में हथियारों और विस्फोटकों को भेजने के लिए नये हथियार के रूप में ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। साल 2021 से कम से कम 15 बार ड्रोन की मदद से हथियार, विस्फोटक और बड़े पैमाने पर ड्रग की तस्करी की गई या कोशिश की गई। गृह मंत्रालय ने चिंता जताई है कि पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान से भारत में होने वाली आतंकी घटनाओं के लिए उग्रवादी ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। बीएसएफ के साथ अमित शाह हाई लेवल मीटिंग भी कर चुके हैं। सरकार ने इस दिशा में कठोर कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं। सूत्रों का दावा है कि डीआरडीओ को इन ड्रोन से निपटने के लिए बीएसएफ के लिए कारगर और अचूक हथियार बाने का जिम्मा सौंपा गया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि जम्मू में 182 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार पाकिस्तान से हथियारों और विस्फोटकों को लाने वाले ड्रोन का मुकाबला करने की कोशिश लगातार जारी है। श्रीनगर में बुधवार को सुरक्षा समीक्षा बैठक में शीर्ष सुरक्षा और खुफिया प्रमुखों के सामने गृह मंत्री अमित शाह ने चिंता जाहिर की कि सीमा पार से ड्रोन गतिविधियों में वृद्धि हुई है। हालांकि बीएसएफ, जो जम्मू सेक्टर में पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा की देखरेख करता है, का मानना है कि वह पाकिस्तान से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक ले जाने वाले ड्रोन को पीछे हटाने में कामयाब रहा है। उधर, इससे उलट राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां के डेटा इन दावों से उलट हैं। सुरक्षा एजेंसियों के डेटा से पता चलता है कि 2020 में, जम्मू (1), सांबा (2), कठुआ (1) और राजौरी (2) में ड्रोन गतिविधि की छह घटनाओं से हथियार बरामद हुए थे। 2020 में बरामद किए गए हथियार थे: सात एके सीरीज असॉल्ट राइफलें, नौ पिस्तौल, 2 एमपी4 कार्बाइन, पांच कार्बाइन मैगजीन और 10 उच्च विस्फोटक ग्रेनेड।