प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘आत्मनिर्भर नारी शक्ति’ से संवाद कार्यक्रम में वर्चुअली हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मास्टर कृषि सखी (सीआरपी) चंपा सिंह भी संवाद किया। चंपा सिंह ने प्रधानमंत्री से अपने आत्मनिर्भर होने की कहानी बताई। चंपा सिंह जैविक खेती व कृषि तकनीकी के लिए प्रोत्साहन के लिए लंबे समय से काम कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे उन्होंने जैविक खेती कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया। चंपा सिंह ने बताया कि शुरुआत में कुछ समय मुझे संघर्ष करना पड़ा लेकिन कृषि सखी बनने के बाद मेरी जान-पहचान बढ़ने लगी। चंपा की बात सुनकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चंपाजी, आपने बता दिया कि नारी जब सशक्त होती है तो सिर्फ परिवार ही नहीं, पूरा समाज सशक्त होता है। गौरतलब है कि चंपा सिंह मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की रहने वाली है और कम लागत वाली कृषि तकनीकी व जैविक कृषि प्रोत्साहन के लिए कार्य कर रही हैं। जिले में चंपा सिंह अपनी मेहनत के कारण महिला सशक्तिकरण की पर्याय बन चुकी हैं। जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील के एक छोटे से गांव में रहने वाली चंपा ने कम समय में जो सफलता हासिल की, वो दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकती है, यही कारण है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें संवाद करने का मौका मिल रहा है।Ads by Jagran.TV
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना में जिस प्रकार से हमारी बहनों ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से देशवासियों की सेवा की वो अभूतपूर्व है। मास्क और सैनिटाइजर बनाना हो, जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाना हो, जागरूकता का काम हो, हर प्रकार से आपकी सखी समूहों का योगदान अतुलनीय रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हमारी सरकार आई तो हमने देखा कि देश की करोड़ों बहनें ऐसी थीं जिनके पास बैंक खाता तक नहीं था, जो बैंकिंग सिस्टम से कोसों दूर थीं। इसलिए हमने सबसे पहले जनधन खाते खोलने का बहुत बड़ा अभियान शुरू किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं में उद्यमशीलता का दायरा बढ़ाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में अधिक भागीदारी के लिए आज बड़ी आर्थिक मदद जारी की गई है। फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यम हो, महिला किसान उत्पादक संघ हो या फिर दूसरे स्वयं सहायता समूह, बहनों के ऐसे लाखों समूहों के लिए 1,600 करोड़ रुपये से अधिक राशि भेजी गई है। आजादी के 75 वर्ष का ये समय नए लक्ष्य तय करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार लगातार वो माहौल, वो स्थितियां बना रही है जहां से आप सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकती हैं। भारत में बने खिलौनों को भी सरकार बहुत प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए हर संभव मदद भी दे रही है। विशेष रूप से हमारे आदिवासी क्षेत्रों की बहनें तो पारंपरिक रूप से इससे जुड़ी हैं। इसमें भी SHG के लिए बहुत संभावनाएं हैं:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का अभी अभियान चल रहा है। इसमें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की दोहरी भूमिका है। आपको सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर जागरूकता भी बढ़ानी है और इसके विकल्प के लिए भी काम करना है। आज देशभर में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, तीन गुना बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। आज बदलते हुए भारत में देश की बहनों-बेटियों के पास भी आगे बढ़ने के अवसर बढ़ रहे हैं। घर, शौचालय, बिजली, पानी, जैसी सुविधाओं से सभी बहनों को जोड़ा जा रहा है। बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।
कई राज्यों की महिलाओं का सहयोग कर चुकी है चंपा सिंह
चंपा सिंह कई राज्यों में कृषि सखी के रूप में कृषकों की मदद भी कर चुकी है और समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर हुई हैं। उन्होंने अपने गांव, जिला, प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों में भी आजीविका सुदृढ़ीकरण के लिए उन्न्त कृषि तकनीक, जैविक पद्धति को अपनाने के लिए समूह सदस्यों और कृषकों को जागरुक किया है। प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा के दौरान चंपा सिंह अपने संघर्ष, सफलता से जुड़े किस्से बताकर दूसरों को प्रेरित करना चाहती है।
स्व सहायता समूह से चर्चा करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी आज दोपहर 12.30 बजे महिला नारी सशक्तिकरण के संबंध में गौरवपूर्ण कार्य करने वाले स्व सहायता समूह के सदस्यों से चर्चा करेंगे। दूरदर्शन पर सीधे प्रसारित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, मणिपुर के स्व-सहायता समूहों से जुड़ी आत्मनिर्भर महिलाओं से प्रधानमंत्री चर्चा करेंगे।
5500 परिवारों को प्रशिक्षण दे चुकी है चंपा सिंह
मध्यप्रदेश में कई स्व सहायता समूह अलग-अलग कार्य क्षेत्र में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एलएम बेलवाल का कहना है कि मिशन के माध्यम से समूह के सदस्यों, ग्राम संगठनों, संकुल स्तरीय संघों और बैंक ऋण के रूप में सस्ती ब्याज दरों पर आसान प्रक्रिया से वित्तीय सहायता की जाती है। उन्होंने बताया कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा पंजाब में भी चंपा ने जैविक कृषि पद्धति का प्रशिक्षण लिया। उन्हें हरियाणा के झज्जर विकास खंड में कार्य करने का मौका मिला। 15 दिन के मानदेय के रूप में पहली आय 11600 रुपए हुई। चंपा अभी करीब 5500 परिवार को यह प्रशिक्षण दे चुकी हैं। एक बार के प्रशिक्षण के बदले 700 रुपए मानदेय प्राप्त होता है।