पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष, क्षेत्रीय विधायक गौरीशंकर बिसेन, कलेक्टर डॉ. गिरीशकुमार मिश्रा के द्वारा १६ फरवरी को बालाघाट-सिवनी हाईवे, हाई स्कूल मार्ग, सब्जी मार्केट, स्व. नंदकिशोर शर्मा के प्रतिमा स्थल व मार्केट का निरीक्षण किया गया। नेशनल हाईवे मार्ग निर्माण के लिए पूर्व में मानपुर सर्राटी पुल से अंहिसा द्वार तक बीच मार्ग से दोनों साईड ४०-४० फीट नापकर काला निशान लगाकर निवासरत लोगों व दुकानदारों को स्वयं हटाने के निर्देश दिये गये थे जिसके बाद अब मार्ग के बीच से दोनों साईड ४२-४२ फीट तक नाप लेकर अतिक्रमण तोडऩे की कार्यवाही की जायेगी और इस निरीक्षण के दौरान राजस्व विभाग को बस स्टैण्ड के सामने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक १११ की विधायक नीधि से निर्मित सामुदायिक भवन जहां तक मार्ग के बीच से ४२ फीट का नाप गया है उसे व थाने की बाउण्ड्रीवाल को तोडऩे के निर्देश दिये गये जबकि गत दिवस ही थाने की नई बाउण्ड्रीवाल का निर्माण किया गया है। आयोग अध्यक्ष के निर्देश के बाद सामुदायिक भवन (प्रस्ताविक नगर परिषद कार्यालय) व थाना की बाउण्ड्रीवाल को तोड़ा जा रहा है और जिन लोगों के दुकानों तक ४२-४२ फीट तक नाप आया है उन्हे स्वयं अपना अतिक्रमण हटाने की भी बात कही गई है साथ ही हाई स्कूल मार्ग पर दोनों दोनों साईड ५-५ मीटर की सड़क, डिवाईडर, नाली व काम्पलेक्स निर्माण किये जाने हेतु मॉडल तैयार किया गया। इस निरीक्षण के दौरान आयोग अध्यक्ष श्री बिसेन पूर्व गृहमंत्री स्व. नंदकिशोर शर्मा के प्रतिमा स्थल पहुंचे तो उन्होने देखा कि उनके द्वारा स्व. नंदकिशोर शर्मा की प्रतिमा लोकार्पण के दौरान लगाई की पत्थर को हटा दिया गया है जिस पर उन्होने नाराजगी व्यक्त की। साथ ही थाने के सामने निरीक्षण करते हुए आयोग अध्यक्ष का एक अलग की अंदाज देखा गया जिन्होने फिल्मी गीत गाने के साथ ही स्वयं ही चाय दुकान में चाय बनाकर लोगों को पीने के लिए कहा। इस निरीक्षण के दौरान आयोग अध्यक्ष श्री बिसेन ने कहा कि लालबर्रा शहर को सुन्दर व व्यवस्थित बनाने में दुकानदार, व्यापारी व आमजन हमारा सहयोग करें सभी को सुव्यस्थित किया जायेगा और क्षेत्र का विकास किया जायेगा। विदित हो कि ३ वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य भी लालबर्रा मुख्यालय का पैदल ही घुमकर ग्राम पंचायत पांढरवानी सरपंच अनीस खान के साथ निरीक्षण किया गया उसके ३ वर्ष बाद १६ फरवरी को डॉ. गिरीशकुमार मिश्रा ने लालबर्रा मुख्यालय का पैदल निरीक्षण किया है।
चौक, सड़क व काम्पलेक्स का नाम होगा राजाभोज – गौरीशंकर
पद्मेश से चर्चा में आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि ढाई माह से लालबर्रा, अमोली, मानपुर, पनबिहरी, बेलगांव, बकोड़ा, औल्याकन्हार के निवासरत लोगों मेें असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है मैं भी उनके जगह रहता तो ऐसा ही सोचता, आज सभी बातों का पर्दाफाश कर दिया जायेगा और मेडिकल चौक, सड़क का नाम राजा भोज एवं मल्टी काम्पलेक्स का नाम राजा भोज मल्टी काम्पलेक्स व परिसर का नाम राजा भोज परिसर रखा जाता है साथ ही यह भी कहा कि लोगों के मन में प्रश्न होगा कि राजा भोज ही नाम क्यों रखा जा रहा है इसलिए रखा जा रहा है क्योंकि राजा भोज जी ने भोजपाल बाद में नाम परिवर्तित होकर भोपाल को बसाया है एवं भोपाल की बड़ी झील तालों का शहर भोपालताल का निर्माण करवाया है हजारों, हजारों वर्ष पूर्व साथ ही श्री बिसेन ने कहा कि हमारे पास गजट में इस बात के प्रमाण है, पहले भाट आते थे समाज के बारे में जो जानकारी देते थे उन्होने बताया है कि ७ से ८ सौ साल पहले हमारी मुस्लिम राजाओं की प्रताडऩा से उनके द्वारा हिन्दुओं के ऊपर हुए ऐसे कार्य जिसको करते-करते उनकी कभी मृत्यु हो जाती थी।
स्व. नंदकिशोर शर्मा के चौके व देवघर तक जाने का हिम्मत रखता हूं
श्री बिसेन ने कहा कि एक देश में दो निशान, दो प्रधानमंत्री नही हो सकते और क्या जम्मू कश्मीर जाने के लिए परमिट लगना चाहिए, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों में जाने के लिए परमिट नही लगता परन्तु जम्मू कश्मीर जाने के लिए परमिट लगता था इस परमिट पध्दति, दो झंड़े, दो तिरंगे व दो संविधान का विरोध करके डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी गये तो उन्हे जम्मू कश्मीर के जेल में बंद कर दिया गया एवं वे नजर बंद हो गये और उनकी मौत हो गई इसलिए मैं कहता हूं कि जहां डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी बलिदान हुए वह कश्मीर हमारा है जो कश्मीर हमारा है प्राण से भी प्यारा है और ३७० की धारा को दो वर्ष पूर्व देश में मोदी जी की सरकार बनी तो उन्होने एक ही दिन में ३७० धारा हटा दी और इस ३७० धारा के कारण कितने भारतवासी आतंकवादियों से मारे गये उनकी गिनती नही है। श्री बिसेन ने कहा कि लालबर्रा, बकोड़ा का सरपंच कौन बनता है कोई फर्क नही पड़ता, जनपद का अध्यक्ष बहन ग्वालवंशी बन जाये या कोई बन जाये कोई फर्क नही पड़ता, जिला पंचायत में रेखा बिसेन, सम्राट सरस्वार, अशोक सरस्वार बैठ जाये क्या फर्क पड़ता है, क्षेत्र में विधायक गौरीशंकर बिसेन, प्रदीप जायसवाल, तामलाल सहारे, संजय उइके, रामकिशोर कावरे बन जाये क्या फर्क पड़ता है, संसदीय क्षेत्र से डॉ. ढालसिंह बिसेन, बोधसिंह भगत, नंदुभाऊ, विश्वेश्वर भगत सांसद बन जाये क्या फर्क पड़ता है यह देश का चुनाव है देश में चुनाव जब होगें जब देश बचेगा। श्री बिसेन ने कहा कि हम अलग-अलग विचार के हो सकते है, नंदभाऊ इस दुनिया से जायेगें तो गौरीशंकर बिसेन को कंधा देना चाहिए, विश्वेश्वर भगत के गांव जाउंगा तो एक कप चाय पीने जरूर जाउंगा, आज भी मेें पूज्य स्व. नंदकिशोर शर्मा के चौके एवं देवघर तक जाने का हिम्मत रखता हूं और मुझे अधिकार है एवं मुझे आज पता चला एवं मैंने अपने आंखों से देखा जिस नंदकिशोर शर्मा को मैं अपना आदर्श मानता हूं जो यह साढ़े २२ साल विधायक रहे एवं १० साल सांसद इतनी लंबी पारी किसी ने नही खेला है, गौरीशंकर बिसेन भी पीछे है वे कैसे थे मैं उस पर टिप्पणी नही करना चाहता परन्तु नंदुभाऊ स्कूटर में बैठकर गांव-गांव घुमकर मंडल का गठन करते थे काम नही कर पाते थे किन्तु कहते थे कि क्या करूं बेटा, लोगों के पीट पर हाथ रख देते थे और लोग एक कप चाय पीकर छोटा मुंह करके चले जाते थे।
लोग जीतने पर मैंने १९७७ में जमानत बचने पर निकाला था जुलूस
श्री बिसेन ने कहा कि १९७७ लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी से मुझे टिकट मिली थी परन्तु उस समय मेरी उम्र २४ साल थी, बाद में २५ वर्ष की उम्र में पहला चुनाव १९७७ में आदणीय स्व. नंदकिशोर शर्मा के साथ लड़ा एवं १९७७ के पूर्व जिन्होने चुनाव लड़ा उनकी जमानत तक नही बची परन्तु पहली बार गौरीशंकर बिसेन ने १९७७ में स्व. नंदकिशोर शर्मा से चुनाव लड़ा तो जमानत बचा लिया और लोग जीतने का जुलूस निकालते है, मैंने जमानत बचने का जुलूस निकाला एवं १९८० में मुझे टिकट नही दिये तो जनता पार्टी की जमानत जप्त हो गई एवं उम्मीदवार को महज ३ से ४ हजार वोट ही मिले और सिहोरा से सिर्फ एक ही वोट मिला। साथ ही यह भी कहा कि शहीदा बहन आई और लॉटरी खुली और मैं जीता, अगर दो चुनाव मुझे जीता देते तो गौरीशंकर बिसेन और कही होता, कहा से जीतता मेरा दादा भोलाराम पारधी मेरा विरोधी बन गया था एवं मैंने शहीदा बहन से कहा था कि आपको राज्यसभा भेजूगा एवं शहीदा बहन को कंधा देने के साथ ही कब्र में दफनाने के लिए नीचे उतरा हुं यह रिस्ता निभाता है गौरीशंकर बिसेन, आप लोग मुझे साथ दो मैं विकास देउंगा।
मुस्लिम भाई परिवार नियोजन कर देश की जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग करें
श्री बिसेन ने कहा कि कर्म प्रधान पर विश्वास करना चाहिए इसलिए कर्म करना चाहिए ताबिज बांटने वालों से सावधान रहे और ताबिज बांटने वाले खुद आचार्य क्यों नही बन गये, मुस्लिम भाई बोलते थे मजार पर जाकर माथा टेको, हनुमान मंदिर मत जाओं, हमें बोलते है मस्जिद के सामने बाजा मत बजाना और अलसुबह अजान करते है ऐसा होता है क्या अगर हम आप लोगों का सम्मान करते है तो आप लोगों को भी हमारा सम्मान करना होगा, अगर हम परिवार नियोजन करते है तो आपकों भी परिवार नियोजन करना चाहिए, पहले तीन से चार पत्नियां रखते थे परन्तु अब एक से अधिक पत्नि रखने पर उसकी जिन्दगी में मौत है, मैं आज कहना चाहता हूं कि अगर किसी को अपनी मौत देखना है तो बच्चें रहने के बाद एक से अधिक पत्नि रखकर देखों, कलह, अशांति जीवन में आयेगी यही तो मौत, मुस्लिम भाईओं से निवेदन है कि आप लोग भी परिवार नियोजन कर भारत की जनसंख्या को नियंत्रण करने में सहयोग करें। श्री बिसेन ने कहा कि स्व. नंदकिशोर शर्मा की प्रतिमा हमारे द्वारा स्थापित की गई है परन्तु आज प्रतिमा स्थल पहुंचकर देखा तो प्रतिमा के लोकार्पण का पत्थर हटा दिया गया है जो गलत है, प्रतिमा स्थल पर उनके चार पुत्रों के साथ ही पांचवा बेटा गौरीशंकर बिसेन का भी नाम रखना पड़ेगा।