क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में 11 दिन बाद लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की व्यवस्था बदल जाएगी। लोग अपने लेपटॉप व कंप्यूटर सिस्टम से घर या दफ्तर में बैठकर खुद ही छह महीने की समयावधि का लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेंगे। बार-बार आरटीओ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। रोजाना 300 से 350 लोगों को लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ नहीं आना-जाना पड़ेगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। नई व्यवस्था के तहत लोग परिवहन विभाग के पोर्टल पर जाकर एप्लाई कर लर्निंग लाइसेंस में जाकर आधार नंबर डालकर लाइसेंस बनवा सकेंगे। आधार नंबर डालने के बाद रजिस्ट्रर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। जिसे डालने पर आवेदन फार्म खुल जाएगा। जिसमें नाम, पिता का नाम, पता, वाहन का प्रकार सहित अन्य जानकारी भरने के लिए निर्धारित फीस जमा होगी। जिसका मोबाइल नंबर पर एसएमएस आएगा। ऑनलाइन ही आवेदक से ट्रैफिक नियमों से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे। 60 फीसद सवाल सही बताने पर ही आवेदक ऑटोमैटिक पास हो जाएगा। इसके बाद बेवकैम से फोटो अपलोड करके लाइसेंस बन जाएगा। लोग प्रिंट करवा कर लर्निंग लाइसेंस अपने पास या मोबाइल में डाउनलोड करके वाहन चलाते समय अपने पास रख सकेंगे। लाइसेंस खुद बनाने के अलावा लोगों को खुद ही ड्राइविंग लाइसेंस को डुप्लीकेट व नवीनीकरण कर सकेंगे। परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) केजरिए पूरे देश में परिवहन कार्यालयों में ई-परिवहन की सुविधा शुरू कर रहा है। एक अप्रैल से खुद ही लर्निंग लाइसेंस प्रदेश के लोग बनवा सकेंगे। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय(आरटीओ) व जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वाहन व सारथी पोर्टल शुरू होने पर मप्र के साथ पूरे देश भर में ड्राइविंग लाइसेंस, नवीनीकरण, पता बदलना, वाहन पंजीयन, प्रदूषण प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्यों की सुविधा मिलने लगेगी।