नवरात्र समाप्त होने के बाद प्याज की खपत बढ़ गई है। वहीं स्थानीय स्तर पर इसकी आवक न होने से इसके भाव सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। एक सप्ताह पहले तक मंडी के थोक व्यापारी जो प्याज ढाई से तीन हजार रुपये क्विंटल के हिसाब से बेच रहे थे, बुधवार को उस प्याज के दाम 45 से 50 रुपये किलो हो गए हैं। वहीं फुटकर में प्याज के दाम 60 रुपये के पार पहुंच गए। आने वाले दिनों में इसके दाम और भी बढ़ सकते हैं।
प्याज के थोक विक्रेता एजाज राइन का कहना हे कि स्थानीय स्तर से प्याज की आवक नहीं हो रही है। सागर में शाजापुर, शुजालपुर और इंदौर से प्याज की आवक हो रही है। अच्छी क्वालिटी की प्याज 40 से 45 रुपये तक थोक भाव में है। राइन का कहना हे कि स्थानीय स्तर पर प्याज की आवक में अभी समय लगेगा। जब तक नई आवक स्थानीय स्तर से नहीं होगी, तब तक भाव तेज रहेंगे।
स्थानीय स्तर पर नहीं स्टाक
राइन का कहना है कि इस साल सागर जिले में प्याज की अच्छी उपज हुई थी, लेकिन उसके भाव बेहतर नहीं मिले। तीन साल से यही स्थिति बनी। इससे किसान रकबा घटाने की सोच रहा है। वर्तमान में स्थानीय व्यापारियों के पास स्टाक भी नहीं बचा। इससे बाहर से प्याज बुला रहे हैं। शाजापुर, शुजालपुर, इंदौर में अभी प्याज है। यदि वहां भी मांग की अनुसार पूर्ति नहीं होती तो महाराष्ट्र से आवक बढ़ेगी।
तीन महीने पहले दो रुपये तक बेची प्याज
किसानों का कहना है कि तीन महीने तक प्याज को भाव नहीं मिल रहे थे। हमने अच्छी क्वालिटी का प्याज भी दो रुपये किग्रा तक बेची। उस समय टमाटर के भाव तेज थे, तो प्याज के बहुत कम थे, लेकिन जब यहां स्टाक खत्म हुआ तो इसके भाव आसमान छूने लगे। सत्यम पटेल का कहना है कि वे दो-चार दिन में मंडी में सब्जी खरीदने जाते हैं। पांच दिन पहले जब गया था तो प्याज 25 रुपए किलो मिली थी, लेकिन अब इसके भाव दोगुने हो गए। प्याज जल्द खराब होती है, इसलिए इसका ज्यादा दिन तक स्टाक नहीं कर सकते।