अपनी लंबित मांगों को लेकर जारी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल के बीच अब आशा कार्यकर्ताओं ने भी अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। शुक्रवार को हड़ताल के पहले दिन जिला अस्पताल परिसर में बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ताएं एकत्र हुईं। आशा कार्यकर्ताओं ने विभाग पर आशा कार्यकर्ताओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि टुकड़ों में देने का विरोध जताते हुए इसमें अनियमितता बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग रखी कि विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की तीन साल से अटकी पड़ी प्रोत्साहन राशि खाते में डाली जाए और उन्हें नियमित कर समान वेतनमान दिया जाए।
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य आशा कार्यकर्ता संघ के बैनर तले जारी हड़ताल में आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सालों से अटकी पड़ी प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने तथा नियमितीकरण की मांग को लेकर उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। जब मांगें पूरी नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। आशा कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर जाने से ग्रामीण अंचलों में टीकाकरण, प्रसव, एचआईवी जांच, सोनोग्राफी सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। हड़ताल के पहले दिन बालाघाट विकासखंड सहित बैहर, परसवाड़, लामटा सहित जिले के अलग-अलग इलाकों से आशा कार्यकर्ताएं हड़ताल में शामिल हुईं।
आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि वर्ष 2018-19 में आयुष्मान भारत सर्वे कराया गया था, जिसकी प्रोत्साहन राशि का आज तक भुगतान नहीं किया गया। इसके अलावा कोविड वैक्सीनेशन में भी आशा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन 200 रुपए प्रति सत्र के हिसाब से उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। इसी तरह एमआर सर्वे का 75 रुपए प्रति सत्र से भुगतान नहीं किया गया। मच्छरदानी वितरण की भी राशि उन्हें नहीं मिली। इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल द्वारा ट्रामा सेंटर में प्रसुताओं को भर्ती करने के बाद परिसर में आशा कार्यकर्ताओं के रुकने पर लगी पाबंदी भी हटाने की मांग रखी।